9 महीने इलाज के बाद ऋचा की मौत हो गई. परिजनों ने नहीं किया दावा तो लावारिस बॉडी का अग्रवाल सम्मेलन ने कराया अंतिम संस्कार


जमशेदपुर (ब्यूरो): जीते जी ऋचा को तो जिल्लत भरी जिंदगी जीनी पड़ी वहीं मरने के बाद भी उसे अपनों का साथ नसीब नहीं हुआ। नियमत: 72 घंटे तक बॉडी को मोर्चरी में रखा गया और बाद में स्थानीय थाना की अनुमति के बाद मामले में पहल करते हुए पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन और अग्रवाल युवा मंच के सदस्यों ने साकची थाना के सहयोग से पार्वती बर्निंग घाट पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। चक्रधरपुर की रहने वाली ऋचा अग्रवाल के मामले को लेकर अग्रवाल सम्मेलन सक्रिय हुआ और उपाध्यक्ष मुकेश मित्तल एवं महासचिव संदीप मुरारका ने संबंधित जानकारियां एकत्र की। जानकारी के अनुसार ऋचा अग्रवाल चक्रधरपुर की रहने वाली थी। इनके पति जावेद खान मर्डर केस में रांची जेल में बंद हैं। ऋचा का कहना था कि उसके साथ ज्यादती हुई थी। उन्हें एक माह तक नशे के इंजेक्शन दिए जाते रहे, जिससे उसकी मानसिक हालत खराब हो गई। इस संबंध में चांडिल थाना में मामला भी दर्ज है। मामला 4 मार्च 2021 को दर्ज हुआ था जिसकी केस संख्या 41/2021 है।एमजीएम में चल रहा था इलाज


बताते हैं कि उनके पेट में ट्यूमर था, जिसका इलाज एमजीएम में चल रहा था। डॉक्टर के अनुसार उसकी मानसिक स्थिति खराब चल रही थी। उसकी मदद आदित्यपुर की अधिवक्ता अमृता कुमारी कर रही थीं। एक बार उन्होंने ऋचा अग्रवाल के इलाज के लिए उपायुक्त कार्यालय के समक्ष भिक्षाटन भी किया था। मामले में डीसी ने रेडक्रास से अमृता कुमारी को 10000 रुपए का सहयोग करवाया था। उसी दौरान मारवाड़ी सम्मेलन के महावीर मोदी, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, सन्नी संघी, ओमप्रकाश रिंगसिया, दीपक पारीक, सांवरमल अग्रवाल भी उनसे मिले थे एवं बेहतरीन टेस्ट व इलाज कराने की इच्छा जताई थी, किंतु अधिवक्ता अमृता कुमारी ने इंकार कर दिया था एवं कहा था कि जो मदद चाहिए वो नकद के रुप में करें।तीन दिसंबर को हुई थी मौत इस क्रम में इलाज के दौरान 3 दिसंबर की रात 10.45 बजे एमजीएम में ऋचा की मौत हो गई। कोई दावेदार नहीं आने पर मजबूरन एमजीएम अस्पताल ने साकची थाना को 9 दिसंबर को सूचित किया एवं शव को एमजीएम कॉलेज भिजवा दिया। 10 दिसंबर को बॉडी के पोस्टमार्टम के बाद शव एमजीएम कॉलेज के शीत गृह में रखा गया था। कानून के दृष्टिकोण से जब तक 72 घंटे पूरे ना हों जाएं, दाह संस्कार नहीं किया जाता। उसके बाद दाह संस्कार के लिए साकची थाना को लिखित आवेदन देकर अनुमति प्राप्त करनी होती है।परिजनों का इंतजार किया

अग्रवाल सम्मेलन के मुताबिक संभवत: उसके परिवार को उपरोक्त सभी जानकारी होगी, परंतु परिवार से संबंध अच्छे नहीं होने के कारण वे लोग संपर्क नहीं कर रहे हों। लडक़ी के पिता एवं दो बड़े भाई चक्रधरपुर में रहते हैं। इस दौरान अग्रवाल सम्मेलन ने 72 घंटे तक मृतका के परिजनों का इंतजार किया। इसके बाद पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन एवं अग्रवाल युवा मंच ने सामाजिक दायित्व के नाते मृतका ऋचा अग्रवाल के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी स्वीकार की। इसके बाद पार्वती बर्निंग घाट में दोपहर 1 बजे उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस कार्य में अग्रवाल सम्मेलन के उपाध्यक्ष मुकेश मित्तल, महासचिव संदीप मुरारका, अग्रवाल युवा मंच के अध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, महासचिव सन्नी संघी, विजय बंसल, प्रमोद जालूका, सुमित अग्रवाल उपस्थित रहे। इस सामाजिक कार्य में पार्वती घाट के दीपेन्द्र भट्ट एवं साकची थाना का सहयोग रहा।

Posted By: Inextlive