छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: जमशेदपुर पुलिस ने 24 घंटे में एडवोकेट सह बीजेपी लीडर प्रकाश यादव मर्डर केस का पर्दाफाश कर दिया। मर्डर केस के मास्टरमाइंड जमीन माफिया बिरसानगर जोन संख्या वन बी के अमूल्यो कर्मकार और उसके दो साथी हरिमंदिर निवासी राम रविदास उर्फ छूटन व विश्वनाथ मुंडा उर्फ जीतू मुंडा को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही हत्या इस्तेमाल किए गए हथियार स्टील रॉड (दोपिहया वाहन का शॉकर) को भी बरामद कर लिया है, लेकिन अब तक चाकू नहीं मिला है। हत्या के बाद दोनों आरोपितों ने हथियार को नदी से सटे नाले में फेंक दिया था। हत्या के समय आरोपितों द्वारा पहने गए कपड़े, सुपारी के तौर पर दिए गए 19 हजार 900 रुपये और अमूल्यो का मोबाइल को भी जब्त किया। गिरफ्तार आरोपितों ने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया हैं।

किया हत्या का सौदा

जमीन कारोबार में विगत पांच साल से बाधक बनने के कारण अमूल्यो कर्मकार ने प्रकाश यादव को रास्ते से हटाने का निर्णय लिया। इसके बाद हत्या की योजना बनाई। हत्या करने के एवज तीन लाख रुपए में राम रविदास और विश्वनाथ मुंडा से सौदा किया। दोनों हत्यारोपितों को अमूल्यो ने 20 हजार रुपये अग्रिम राशि दी थी। हत्या करनेवाले मृतक के घर से कुछ ही दूरी पर रहते हैं। अमूल्यो कर्मकार भारतीय जनमोर्चा का बिरसानगर मंडल का संयोजक था। गौरतलब हैं कि मृतक के भाई दिनेश यादव ने भाई की हत्या करने का आरोप लगाते हुए अमूल्यो कर्मकार, गौतम घोष, राजकिशोर मुखी और अन्य पर लगाया था। पुलिस ने सभी को हिरासत में लिया था। गौतम घोष और राजकिशोर मुखी की हत्या में संलिप्तता नहीं पाई।

एसएसपी ने दी जानकारी

ईस्ट सिंहभूम के एसएपी एम तमिल वानन ने साकची थाना में पत्रकारों को बताया कि हत्या अमूल्यो कर्मकार ने ही कराई। उसके कहने पर ही आरोपितों ने 21 जुलाई की रात प्रकाश यादव की हत्या को अंजाम दिया चूंकि दोनों अधिवक्ता के घर से कुछ ही दूरी पर रहते हैं। इस कारण दोनों को जानकारी थी कि प्रकाश यादव हरिमंदिर के चबूतरा पर देर रात तक बैठते है। मोबाइल पर बातचीत करते हैं। घटना के दिन दोनों मंदिर के पास शराब पीकर पहुंचे। इसकी जानकारी अमूल्यो कर्मकार को भी दी। इस बीच दोनों ने अमूल्यो को बताया कि प्रकाश यादव बैठे हैं और मोबाइल पर बात कर रहे हैं।

रॉड और चाकू से हत्या

मंदिर में पहुंचते ही राम रविदास ने प्रकाश यादव के सिर पर जोरदार प्रहार कर दिया, जिससे अधिवक्ता बेहोश होकर गिर गए। तभी विश्वनाथ मुंडा ने गला रेत दिया और शरीर पर कई प्रहार किए। हत्या के बाद दोनों भाग निकले। बिरसानगर लक्ष्मी नर्सिंग होम के दाहिने जाने वाले रास्ते में नदी से सटे नाले के पास रॉड और चाकू फेंक दिया और इसके बाद अपने-अपने घर चले गए। उस समय काफी बारिश हो रही थी।

बरामद किए गए कपड़े

अधिवक्ता की हत्या किए जाने पर राम रविदास और विश्वनाथ मुंडा के कपड़े में खून से सन गए थे। राम रविदास ने कपड़े जला दिया और विश्वनाथ मुंडा ने घर की आंगन के कोने में कपड़े को गाड़ दिया। दोनों जब गिरफ्तार हुए तो इनकी निशानदेही पर कपड़े बरामद किए गए।

Posted By: Inextlive