छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : अपहरण के एक मामले में आदित्यपुर पुलिस ने पंकज दूबे को गिरफ्तार किया है। पंकज दूबे का क्राइम से पुराना नाता रहा है। सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर पुलिस के हत्थे चढ़े बागबेड़ा कालोनी रोड नंबर एक निवासी पंकज दुबे के खिलाफ जमशेदपुर के विभिन्न थानों में 12 से अधिक मामले दर्ज है और एसएसपी नवीन कुमार सिंह के कार्यकाल में वह पकड़ा भी गया था।

जमानत पर हुआ था रिहा

बीते साल वह जेल से सभी मामले में जमानत पर रिहा हुआ था। अखिलेश सिंह गिरोह के समांतर गिरोह खड़ा करने के लिए सीरियल क्राइम गिरोह के सरगना पंकज दुबे और उसके गैंग ने बेवजह फाय¨रग कर दहशत फैलाने और डाक्टर प्रभात कुमार की 17 दिसंबर 2009 को और मानगो के सिख व्यवसायी इंद्रपाल सिंह की हत्या 7 जनवरी 2010 को कर दी थी। सरगना की सोच थी कि पहले क्राइम कर दहशत फैलाओ। इसके बाद रंगदारी की वसूली करो। दहशत के कारण शहर में दो पहिया वाहन पर दो की सवारी पर रोक लग गई थी। चेकिंग के लिए जैप जवानों को उतारा गया था।

बिष्टुपुर थाने में छह मामले

बिष्टुपुर थाने में उसके खिलाफ छह मामले दर्ज है इनमें टीएमएच के डॉक्टर प्रभात कुमार की हत्या, आ‌र्म्स एक्ट, डॉक्टर आशीष कुमार, बिल्डर रोहित सिंह और सर्किट हाउस पेट्रोल पंप पर फाय¨रग के मामले दर्ज है। कदमा थाना क्षेत्र में वर्ष 2009 के 3 दिसंबर को पंकज दुबे ने टीएमएच के सेवानिवृत चिकित्सक पीके मिश्रा को उनकी गणेश पूजा मैदान स्थित क्लिनिक में घुसकर गोली मार दी थी। वे गंभीर रुप से घायल हो गए थे। डॉक्टर पर फाय¨रग कर सीरियल क्राइम गिरोह द्वारा पहली घटना को अंजाम दिया गया था। जुगसलाई में 13 जनवरी 10 को वीडियोग्राफी का कार्य करने वाले विजय कुमार पर गिरोह ने फाय¨रग की थी। सोनारी, कदमा और बागबेड़ा थाने में पंकज दुबे के खिलाफ आ‌र्म्स एक्ट के मामले दर्ज हैं।

Posted By: Inextlive