टाटा क¨मस कर्मियों को 8.33 फीसद बोनस
छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: टाटा क¨मस कर्मचारी पुत्रों के लिए खुश खबरी है। अगले साल से यहां के कर्मचारीपुत्रों को भी नियोजन किया जाएगा। इस पर बीते बुधवार को हुए बोनस समझौते में मुहर लग गई है। कर्मचारियों को 8.33 फीसद बोनस देने के साथ-साथ कर्मी पुत्रों के नियोजन पर भी सहमति बन गई। जानकारी हो कि कर्मीपुत्रों के नियोजन को लेकर टाटा क¨मस कर्मचारी यूनियन एक साल से काफी सक्रिय थी। कर्मचारियों के ग्रेड रिवीजन समझौते से पूर्व नियोजन को लेकर काफी म शक्कत हुई थी। यूनियन टाटा मोटर्स की तर्ज पर पहले निबंधन फिर नियोजन करने की मांग उठाई थी। लेकिन प्रबंधन ने जरुरत व योग्यता के आधार पर कर्मीपुत्रों को कंपनी में नौकरी देने की सहमति जताई थी।
मैनेजमेंट हो गया है तैयारइधर बोनस वार्ता में कंपनी प्रबंधन कर्मीपुत्रों की बहाली करने को तैयार हो गया है। यूनियन की स्टीय¨रग कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि मंगलवार को बोनस समझौता के साथ इंप्लाई वार्ड की बहाली पर भी एमओएम हुआ है। प्रबंधन ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगले बोनस समझौता के दौरान फिर यह रेफरेंस नहीं बनेगा। यानि प्रबंधन बोनस समझौते में इंप्लाई वार्ड की बहाली की परंपरा नहीं बनाएगा। यह सिर्फ अगले वर्ष के लिए होगा।
टिमकेन में नहीं बन रहा बोनस फार्मूला
टिमकेन के कर्मचारियों का इस वर्ष बोनस के बिना दुर्गा पूजा बीतेगा। प्रबंधन फार्मूला बनाने के शर्त पर बोनस देने के लिए तैयार है, लेकिन यूनियन की बीस फीसद बोनस की मांग से मामला ठंडा बस्ता में पड़ा हुआ है। परिणामस्वरूप बोनस पर वार्ता भी ठप है। बोनस मुद्दे पर अबतक प्रबंधन और यूनियन के बीच पांच दौर की वार्ता हुई है। यूनियन ने प्रबंधन से बैलेंश शीट समेत सभी आंकड़े मांगा था। प्रबंधन ने सभी आंकड़े व बैलेंश शीट उपलब्ध करा दिया है। इसके बावजूद यूनियन ने फार्मूला बनाने की दिशा में अब तक किसी प्रकार के पहल नहीं की है, जबकि यूनियन नेताओं का कहना है कि बीते साल 19 फीसद बोनस हुआ था, जबकि इस वर्ष उससे ज्यादा रिकार्ड मुनाफा हुआ है। ऐसे में बीस फीसद बोनस मिलना ही चाहिए। सूत्रों का कहना है कि प्रबंधन ने दो टूक कहा है कि कंपनी का वार्षिक वित्तीय परिणाम की घोषणा हो चुकी है। यूनियन अगले साल के लिए बोनस फार्मूला बनाये। इस वर्ष का बोनस फिर तय कर लिया जाएगा। प्रबंधन ने गेंद यूनियन के पाले में डाल दिया है। उधर श्रमायुक्त के फैसले पर यूनियन की कंपनी की नजर है। वहीं बोनस नहीं होने से कर्मचारियों में असंतोष का माहौल है।