गुजरात में फंसे 1187 मजदूर लौटे, खिले चेहरे
जमशेदपुर : लॉकडाउन के दौरान गुजरात में फंसे 1187 मजदूरों को मोरबी-टाटा श्रमिक स्पेशल ट्रेन से शुक्रवार को टाटानगर स्टेशन लाया गया। ट्रेन टाटानगर स्टेशन शाम 4.10 बजे पहुंची। ट्रेन में 85 फीसद पश्चिमी सिंहभूम, 10 फीसद पूर्वी सिंहभूम और पांच प्रतिशत सरायकेला के प्रवासी मजदूर थे। ट्रेन के टाटानगर स्टेशन पहुंचने पर मजदूरों ने राहत की सांस ली।
पूरे रास्ते लॉक रहा ट्रेन का गेटमोरबी स्टेशन से टाटानगर तक ट्रेन के दरवाजों को लॉक रखा गया था। मोरबी ग्रीन जोन में आता है। इस कारण प्रशासन के लोगों ने भी थोड़ी राहत महसूस की है। हालांकि ट्रेन के स्टेशन पहुंचने से पहले ही एनाउंस कर सभी को अलर्ट किया गया था और अपनी जगह पर बैठने के लिए कहा गया। इस दौरान टानगर स्टेशन में तैनात रेलकर्मी, जिला प्रशासन के लोग सहित सिविल डिफेंस के सदस्य सक्रिय हो गए। ट्रेन के प्लेटफार्म पर रुकते ही एक बोगी आगे व एक बोगी पीछे से मजदूरों को उतारा गया। शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए श्रमिकों को थर्मल स्क्री¨नग के बाद बारी-बारी से दो निकास द्वार से बाहर निकाला जा रहा था। स्टेशन से श्रमिकों को जिला प्रशासन ने उनके गृह जिला के लिए चिन्हित बस से रवाना किया। इस मौके पर पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त अरवा राजकमल, पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला व वरीय पुलिस अधीक्षक तमिल वाणन सहित रेल अधिकारी व प्रशासन के अधिकारी श्रमिकों के आगमन से लेकर उनकी रवानगी तक स्टेशन परिसर की तमाम व्यवस्थाओं पर नजर बनाये हुए थे।
चारों ओर से घेर रखा था स्टेशन को गुजरात से जैसे ही ट्रेन टाटानगर स्टेशन पहुंची। पूरे स्टेशन परिसर के आसपास के क्षेत्र को जिला पुलिस, आरपीएफ व जीआरपी ने घेर रखा था, ताकि एक भी श्रमिक चोरी-छिपे बाहर नहीं निकल सके। प्लेटफार्म में बने बेरिके¨डग के सहारे मजदूरों को स्टेशन में जांच के बाद जिलावार स्टेशन से बाहर निकाला गया। स्टेशन के मुख्य द्वारा, फुटओवर ब्रिज, सेकेंड इंट्री गेट सहित बाहर निकलने वाले सभी रास्तों पर पुलिस तैनात थी। टाटानगर स्टेशन पहुंचे मजदूरों को उनके गृह जिला भेजने के लिए 40 बस की व्यवस्था की गई थी, जो स्टेशन परिसर से लेकर संकटा सिंह पेट्रोल पंप तक सड़क किनारे लगे थे। स्टेशन पर हेल्प डेस्क टाटानगर रेलवे स्टेशन परिसर में श्रमिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हेल्प डेस्क भी बनाए गए थे। यहां तैनात अधिकारी-कर्मचारी श्रमिकों की मदद कर रहे थे। चाईबासा रूट की बस हुई खराबटाटानगर स्टेशन से निकलने के बाद श्रमिकों को चाईबासा जाने वाली बस में बैठाया गया। जैसे ही चालक ने बस स्टार्ट किया, खराब हो गई। धक्का लगाने पर भी बस नहीं चल पाई। इसके बाद दूसरे बस की बैटरी खोलकर लगाई गई, तब बस रवाना हुई। टाटानगर स्टेशन में यात्रियों को फार्म भराया गया, जिसमें नाम पता व गांव का नाम लिखने के बाद भोजन का पाकेट देकर बाहर निकाला गया।
14 दिन होम क्वारंटीन रहेंगे पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि गुजरात से आने वाले मजदूरों को 14 दिन तक उनके ही गांव में होम क्वारंटीन में रखा जाएगा। उनके राशन की व्यवस्था जिला प्रशासन करेगी। प्रत्येक मजदूर को अनाज का पैकेट दिया जाएगा। इनके लिए जिले में ही रोजगार की व्यवस्था की जाएगी, ताकि ये अपना जीवन यापन कर सकें। ठेकेदार ने किराये के बहाने ऐंठे रुपयेमोरबी की एक कंपनी में काम करने वाले करीब 28 मजदूरों ने बताया कि उनके ठेकेदार ने लॉकडाउन में भी शोषण किया। झारखंड भेजने के नाम पर ठेकेदार ने प्रति श्रमिक 900 रुपये की वसूली कर ली। श्रमिकों ने बचे-खुचे रुपये घर जाने की खुशी में ठेकेदार को दे दिया। रेलवे या सरकार ने मजदूरों से किराये के नाम पर कुछ नहीं लिया।