102 दुकान-मकान देखते-देखते हो गए जमींदोज
छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : जुगसलाई ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर बाधक बन रहे करीब 150 मकान व दुकानों में से 52 झोपड़ीनुमा मकान व 50 दुकानों को शुक्रवार को पीला पंजा (पोकलेन) की मदद से ध्वस्त कर दिया गया। इस दौरान जुगसलाई फाटक को आठ घंटे के लिए बंद कर दिया और यहां से वाहनों का परिचालन को भी रोक दिया गया। जो भी ट्रेन जुगसलाई फाटक से होकर गुजर रही थी उस ट्रेन की रफ्तार को काफी कम कर दिया गया था ताकि किसी तरह की कोई दुर्घटना न घटे। जिला प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाओ अभियान की विडियो रिकार्डिग भी कराई जा रही थी।
भाजपा कार्यालय पर भी गाजजुगसलाई फाटक के पास शुक्रवार की सुबह करीब 10.30 बजे रेल व जिला प्रशासन ने अतिक्रमण हटवाना शुरू कराया। सबसे पहले फाटक के समीप बने भाजपा कार्यालय पर पोकलेन गरजा देखते ही देखते पूरे कार्यालय को ध्वस्त कर दिया। फिर एक-एक कर अतिक्रमण के जद में आने वाले मकान व दुकानों को तोड़ना शुरु किया गया। सुबह करीब 10.30 बजे से अतिक्रमण हटना शुरू हुआ और शाम करीब 6.30 बजे तक अतिक्रमण हटता ही रहा। इस दौरान तीन पोकलेन अतिक्रमण हटाने के लिए लगाए गए थे।
सैकड़ों की संख्या में जुटी थी भीड़अतिक्रमण हटाने के लिए एक एक कर तीन पोकलेन जैसे ही जुगसलाई फाटक के पास पहुंचा। दुकानदार व मकान मालिक दहशत में आ गए.इस दौरान उनके अंदर आक्रोश था लेकिन जिला व पुलिस प्रशासन की फौज को देखते हुए अतिक्रमणकारी विरोध नहीं कर पाए। इस तरह फिर धीरे धीरे पोकलेन ने मकान व दुकानों को तोड़ना शुरू किया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ मौके पर दिखने लगी।
खुद खाली कर रहे थे दुकान सुबह जब पोकलेन जुगसलाई फाटक के पास पहुंचा तो दुकानदारों ने अपने अपने दुकानों को खाली करना शुरू कर दिया। लोग दुकान में रखा सामान रिक्शा -आटो में लेकर जाने लगे। सायरन बजा कर रहे थे अलर्टजुगसलाई फाटक के पास हजारों की संख्या में भीड़ जमा थी। जिसके कारण जुगसलाई फाटक को सुबह करीब 11 बजे से शाम सात बजे तक बंद कर दिया गया और इधर से गुजरने वाले वाहनों को रोक दिया गया। वहीं फाटक के बीचों बीच एक रेलकर्मी खड़े होकर सायरन बजाने का काम कर रहा था जैसे ही कोई ट्रेन वहां से गुजरने वाली होती थी वह रेलकर्मी जोर जोर से सायरन बजाना शुरू कर रहा था ताकि लोगो को लगे कि ट्रेन आ रही है। इस तरह ट्रेन भी अपनी रफ्तार को काफी कम कर उक्त फाटक को पार कर वहां से गुजर रही थी।
हटिया-बिलासपुर ट्रेन रोका गया अतिक्रमण हटने के दौरान काफी भीड़ पटरियों पर खड़ी थी। जिसे देखकर ट्रेक पर खड़े रेलकर्मी ने भी सायरन बजाना शुरू कर दिया ताकि भीड़ पटरियों से हट जाए। लेकिन जब तक भीड़ वहां से हटती ट्रेन नजदीक आ गई थी और मजबूरीवश ट्रेन को फाटक के पास रोक देना पड़ा। ट्रेन के रुकते ही लोग इधर उधर भागने लगे। जब फाटक का ट्रेक पूरी तरह से खाली हो गया तो ट्रेन के गार्ड ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को आगे बढ़ाया।