एक बार फ‍िर से कांग्रेस विवादों के बीच घिरती नजर आ रही है. खबर है कि इस बार कांग्रेस के सिर पर विवादों का ठीकरा फूटने वाला है राहुल गांधी के नाम से. कांग्रेस शासन के दौरान पर्यावरण मंत्री रही जयंती नटराजन ने एक बड़ा खुलासा कर दिया है. एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक जयंती नटराजन ने सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा है.

राहुल गांधी पर क्या है आरोप
इस पत्र में नटराजन ने कहा है कि पर्यावरण से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी न देने के लिए उन पर राहुल गांधी ने दबाव बनाया था. इतना ही नहीं उन्होंने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि उनके इस्तीफ़ा देने के बाद राहुल गांधी के ऑफिस की ओर से उनके खिलाफ मीडिया में प्रचार भी किया गया. अब इन सब बातों को देखकर इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं कि जयंती नटराजन कांग्रेस छोड़ सकती है.
नरेंद्र मोदी को लेकर क्या किया खुलासा
गौरतलब है कि 2011 से 2013 तक यूपीए सरकार में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहने वाली जयंती नटराजन ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर बेहद गंभीर आरोप लगाये हैं. दरअसल, मामला यह है कि खुद जयंती नटराजन पर इस बात का आरोप लगा था कि उनकी ढिलाई के चलते विकास की कई जरूरी योजनाओं को शुरू नहीं किया जा सका. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी उनपर आरोप लगाया था. उनपर आरोप यह था कि फाइलें जयंती टैक्स की वजह से ही रुकती हैं, लेकिन उन्हीं नरेंद्र मोदी को लेकर जंयती नटराजन ने भी पत्र में एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि स्नूपगेट में नरेंद्र मोदी को फंसाने की साजिश कांग्रेस की ही थी.
क्या सही समय का था इंतजार
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर जिस तरह से जयंती नटराजन ने आरोप लगाये हैं, इससे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि वह कांग्रेस छोड़ने के लिये जमीन तैयार कर रही हैं. बस आखिर में सवाल सिर्फ टाइमिंग को लेकर हो सकता है. ये वो खास समय हो सकता है जब दिल्ली में चुनाव हैं और राहुल गांधी प्रचार में जुटे हैं. तभी तो नवंबर में लिखी इस चिट्ठी को इसी समय पर लीक किया गया.
एक नजर बीते पन्नों पर
बताते चलें कि जयंती नटराजन पर 35 ऐसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को रोकने का आरोप है, जिनकी कीमत हजार से पांच हजार करोड़ तक के है. खास बात यह है कि बीते पन्नों पर नजर डालें तो जयंती नटराजन को राजीव गांधी कांग्रेस में लेकर आये थे. इसके बाद नरसिम्हा राव के समय में जयंती पार्टी छोड़कर जीके मूपनार के नेतृत्व में बनी तमिल मनिला कांग्रेस में शामिल हो गईं थीं. उसके बाद फिर सोनिया गांधी उन्हें पार्टी में वापस ले आईं थीं.

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Posted By: Ruchi D Sharma