Janta Curfew के दौरान भी शाहीन बाग में जारी रहा धरना, पेट्रोल बम धमाके में बाल-बाल बचीं 5 महिला प्रदर्शनकारी
नई दिल्ली (पीटीआई)। जनता कर्फ्यू के दौरान भी शाहीन बाग में धरना जारी रहा। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के लिए प्रतीकात्मक रूप से 5 महिलाएं धरने पर बैठीं थी। पुलिस ने बताया कि धरने के नजदीक कुछ अनजान लोगों ने ज्वलनशील धमाके किए। हालांकि इससे धरने पर बैठीं पांचों महिलाएं सुरक्षित हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि हमलावर मोटरसाइकिल पर आए थे और पेट्रोल बम से धमाका किया।
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सुबह 9.15 बजे की घटना
नोवल कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए जब पूरी दिल्ली में जनता कर्फ्यू के दौरान लोग अपने घरों में रुके हुए थे, सुबह करीब 9.15 बजे यह घटना हुई। पुलिस को मौके से जले हुए बैनर, कपड़ा, बांस और टूटी हुईं बोतलें मिली हैं। साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा ने कहा कि प्रदर्शन स्थल के नजदीक एक लेन से कुछ बोतलें भी मिली हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि एक व्यक्ति ने किसी ज्वलनशील पदार्थ से बैनर में आग लगा दी थी। मीणा ने कहा कि शाहीन बाग थाने में इस बाबत एक मामला दर्ज कर लिया गया है।
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धरने को लेकर विभिन्न मत
नाम न बताने की शर्त पर एक स्वयंसेवक ने बताया कि कुछ लोगों ने धरना स्थल के नजदीक एक लेन में पेट्रोल बम फेका। उनके पास पेट्रोल बम था लेकिन धरने पर ज्यादा लोग नहीं थे सिर्फ पांच महिलाएं ही बैठी थीं। उसने कहा कि धरने को जारी रखने पर दो गुटों में मतभेद था। जब दोनों गुटों में झगड़ा होने लगा तो शनिवार को पुलिस बुलानी पड़ी थी। पुलिस का कहना है कि रविवार की घटना में किसी अंदर के आदमी का हाथ हो सकता है। उनके बीच बृहस्पतिवार को भी विवाद हुआ था।
प्रतीक के तौर पर धरने पर रखे चप्पलें
पुलिस ने कहा कि उन्हें झगड़े के बारे में सूचना थी और हमने में बीच-बचाव भी किया था। प्रदर्शनकारियों का एक पक्ष कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण धरना खत्म करना चाहता था लेकिन दूसरा पक्ष इसे जारी रखना चाहता था। धरन पर केवल पांच महिलाएं बैठी हैं और बाकियों ने प्रतीक के ताैर पर अपने चप्पल धरना स्थल पर छोड़े हैं। एक अन्य स्वयंसेवक का कहना था कि वे कोरोना वायरस के बारे में गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं। हमने भीड़ कम कर दी है। हम धरना स्थल की साफ-सफाई का ध्यान रख रहे हैं।
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धरना खत्म करना चाहते हैं हमलावर
एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि रविवार को बैरिकेड के नजदीक आग लगी थी। घटना के तुरंत बाद पुलिस को बुलाया गया। शांतिपूर्वक चल रहे धरने पर हमला करना दुर्भाग्यपूर्ण है। कोरोना वायरस से संबंधित हर गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। दूरी बनाकर सिर्फ पांच महिलाएं धरने पर बैठी हैं। धरन पर बैठने वाली महिलाएं हाथ धोती हैं और हर संभव स्वच्छता का ध्यान रखती हैं। ऐसी घटनाएं इस धरने को खत्म करने के लिए हो रही हैं।