Janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर बाल गोपाल की ऐसे करें पूजा, पूजन के समय पढ़ें ये मंत्र और करें आरती
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)।Janmashtami 2024: भगवान कृष्ण के बचपन के रूप में लड्डू गोपाल यानी कि बाल गोपाल की मूर्ति कई हिंदुओं के घरों में पूजनीय है। मान्यता है कि लड्डू गोपाल जी परिवार में खुशियां, धन और सौभाग्य लाते हैं। वैसे तो लड्डू गोपाल जी का अभिषेक हर दिन करना चाहिए, लेकिन जन्माष्टमी के शुभ दिन पर अभिषेक करने से भगवान कृष्ण बहुत प्रसन्न होते हैं। बतादें कि इस साल जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनायी जा रही है। आइए जानें कि जन्माष्टमी के शुभ दिन पर भगवान कृष्ण की पूजा कैसे करें ताकि उनका अनुग्रह प्राप्त हो और उनकी अपार कृपा प्राप्त हो।
1. लड्डू गोपाल जी की मूर्ति को साफ और बड़े बर्तन (परात) पर रखें।2. तुलसी के पत्तों और यमुना के पवित्र जल या गंगाजल से भगवान की मूर्ति को स्नान कराकर अभिषेक करना शुरू करें। इसके बाद बाल गोपाल जी के विग्रह को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी ) से स्नान कराएं। एक बार फिर से भगवान को गंगाजल से स्नान कराएं।
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5. अंत में लड्डू गोपाल जी के विग्रह को सुंदर पोशाक, मुकुट, आभूषण, मोर पंख और बांसुरी पहनाकर सजाएं। भगवान कृष्ण का चंदन श्रृंगार अवश्य करें क्योंकि सुंदर श्रृंगार से भगवान कृष्ण बहुत प्रसन्न होते हैं। 6. भगवान कृष्ण की आरती करें, तुलसी के पत्तों से भोग लगाएं और उनका गुणगान करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। जन्माष्टमी पर अभिषेक के बाद क्या करेंअभिषेक करने के बाद उससे प्राप्त मिश्रण से पंचामृत बनाएं। उस मिश्रण को फेंकना नहीं चाहिए। उसमें मखाने, चिरौंजी, गरी, छुआरा, किशमिश और तुलसी के पत्ते डालें और पूजा के बाद प्रसाद के रूप में इसका सेवन करें।
बाल गोपाल की आरती
आरती बालकृष्ण की कीजे । अपना जनम सफल करि लीजे ।। श्री यशोदा का परम दुलारा । बाबा की अखियन का तारा ।। गोपिन के प्राणन का प्यारा । इन पर प्राण निछावर कीजे ।। आरती बालकृष्ण की कीजे । बलदाऊ का छोटा भैया। कान्हा कहि कहि बोलत मैया ।। परम मुदित मन लेत वलैया । यह छबि नैनन में भरि लीजे ।। आरती बालकृष्ण की कीजे । श्री राधावर सुघर कन्हैया।
ब्रज जन का नवनीत खवैया।।
देखत ही मन नयन चुरैया । अपना सरबस इनको दीजे।। आरती बालकृष्ण की कीजे। तोतरि बोलनि मधुर सुहावे । सखन मधुर खेलत सुख पावे ।। सोई सुकृति जो इनको ध्यावे। अब इनको अपनो करि लीजे।। आरती बालकृष्ण की कीजे । इक्षा प्राप्ति कृष्ण श्लोक 'कस्तूरीतिलकं ललाटपटले वक्षःस्थले कौस्तुभं नासाग्रे नवमौक्तिकं करतले वेणुं करे कङ्कणम् । सर्वाङ्गे हरिचन्दनं सुललितं कण्ठे च मुक्तावलिं गोपस्त्री परिवेष्टितो विजयते गोपाल चूडामणिः ॥' श्री कृष्ण मंत्र: 'कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:' 'क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा' 'हरे कृष्ण हरे कृष्ण । कृष्ण कृष्ण हरे हरे । हरे राम हरे राम । राम राम हरे हरे ॥' ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ श्री कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजन वल्लभाय नमः ॐ श्री कृष्णाय नमः 'कृं कृष्णाय नमः' 'ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा' 'गोवल्लभाय स्वाहा' 'गोकुल नाथाय नमः' 'क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः' 'ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय नम:' 'ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्र्सो' 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री' 'ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा' 'लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा' 'नन्दपुत्राय श्यामलांगाय बालवपुषे कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा' 'ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे।रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ में'
'कृष्णःकर्षति आकर्षति सर्वान जीवान् इति कृष्णः॥
ओम् वेदाः वेतं पुरुषः महंतां देवानुजं प्रतिरंत जीवसे ॥डिसक्लेमर
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