Coronavirus संकट के बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद, नदवा व देवबंद की सलाह, रमजान में लाॅकडाउन का पालन करें मुसलमान
नई दिल्ली / लखनऊ (पीटीआई / आईएएनएस)। कोरोना वायरस के संकट और लाॅकडाउन के रमजान का पवित्र महीना शुरू होने वाला है। इस दाैरान मुस्लिम संगठन लगातार लोगाें से लाॅकडाउन के दिशा-निर्देशों का पालन करने को कह रहे हैं। ऐसे में प्रमुख मुस्लिम निकाय जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने मुसलमानों से अपील की है कि इस सप्ताह शुरू हो रहे रमजान में लाॅकडाउन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और सभी धार्मिक अनुष्ठान करें अपने घरों के अंदर करें। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव महमूद मदनी ने भी समुदाय से गरीबों की मदद करने की अपील की हैं इसके साथ ही जरूरतमंदों को 'सेहरी' (उपवास शुरू होने से पहले भोजन) और 'इफ्तार' (उपवास तोड़ने पर भोजन) उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया है।
वहीं यूपी की राजधानी लखनऊ में प्रसिद्ध इस्लामी मदरसा दारुल उलूम नदवतुल उलमा ने रमजान के पवित्र महीने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। देवबंद मदरसा ने भी रमजान के महीने के लिए ऐसी ही सलाह जारी की है। नदवतुल मदरसा के प्रिंसिपल मौलाना सईद-उर-रहमान ने मस्जिदों में 'इफ्तार' आयोजित न करने की सलाह दी है। उन्हें घर पर अपना उपवास तोड़ने को कहा है। 10-सूत्रीय सलाह भी मुसलमानों को मस्जिदों में 'तरावीह' (सुन्नी मुसलमानों द्वारा दी जाने वाली नमाज) की पेशकश नहीं करने के लिए कहती है। सलाहकारों ने कहा कि मस्जिदों में सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखनी चाहिए और एक समय में पांच से अधिक लोगों को उपस्थित नहीं होना चाहिए
रमजान के दाैरान लोग रोजा (उपवास) का पालन करें। अपने घरों में शाम को इफ्तार (व्रत तोड़ने के लिए भोजन) करें। कोरोना वायरस की वजह से लाॅकडाउन जो पहले 25 मार्च से 14 अप्रैल तक था उसे अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। हाल ही में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी राज्य वक्फ बोर्डों को निर्देश दिया था कि वे रमजान के पवित्र महीने के दौरान लाॅकडाउन और साेशल डिस्टेंसिंग के दिशानिर्देशों का सख्ती से कार्यान्वयन सुनिश्चित करें। इस दाैरान स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, सुरक्षा बलों, प्रशासनिक अधिकारियों, स्वच्छता कर्मचारियों के साथ सहयोग करने की भी अपील की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि लोग अफवाहों पर बिल्कुल भी ध्यान न दें।