क्यों एक सैनिट्री पैड से आहत हो रहे हैं लोग?
आरोप है कि इन्होंने यूनिवर्सिटी परिसर में कई जगह सैनिट्री पैड छोड़े, जिनमें महिलाओं के मुद्दों से जुड़े संदेश लिखे थे.एक छात्र ने नाम न ज़ाहिर करने की शर्त पर पुष्टि की है कि उन्हें शो कॉज़ नोटिस मिला है, लेकिन फ़िलहाल और कुछ कहने से इंकार किया है.जामिया के मीडिया सेल के एम रंजन ने बीबीसी से बातचीत में कहा, "नोटिस में बताया गया है कि कई टीचर, स्टूडेंट्स और कर्मचारियों ने इस अभियान के बारे में शिकायत की."
इस अभियान को लेकर ट्विटर और इंस्टाग्राम पर कुछ लोगों ने दिल खोलकर छात्रों का समर्थन किया तो कुछ ने सवाल भी उठाए.ट्विटर पर बहस
19 साल की इलोना ने जर्मनी में इस अभियान को सामाजिक प्रयोग के तौर पर शुरू किया था.एक दिन उन्होंने खिड़की पर पैड रखा देखा और उनके दिमाग़ में ख़्याल आया कि क्यों न इसका इस्तेमाल सामाजिक संदेश देने के लिए किया जाए.