बांग्लादेश की कट्टर धार्मिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी का भविष्य शून्य में चला गया है. ढाका के हाई कोर्ट ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए इस्लामी पार्टी को अवैध घोषित कर दिया है. पार्टी के चुनाव लडऩे पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. अदालत ने कहा कि ऐसी पार्टी का रजिस्ट्रेशन संविधान के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप के खिलाफ है. अदालत के इस फैसले के बाद देश के कई हिस्सों में हिंसा और उपद्रव की खबरें हैं.


बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनातमामले की सुनवाई कर रही हाई कोर्ट की पीठ के मुख्य जज मुअज्जम हुसैन ने कहा, ‘जमात-ए-इस्लामी को अवैध और चुनाव आयोग में उसके पंजीकरण को गैर कानूनी घोषित किया जाता है.’ संवेदनशील मामले की सुनवाई के दौरान अदालत के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात थे. इस फैसले से किसी समय सबसे शक्तिशाली कट्टरपंथी पार्टी रही जमात-ए-इस्लामी का भविष्य अंधेरे में है. पार्टी अगले साल की शुरुआत में प्रस्तावित संसदीय चुनाव भी नहीं लड़ पाएगी. प्रदर्शन का आह्वान


फैसले के विरोध में ढाका के पाबना जिले में सैंकड़ों लोगों ने सडक़ों पर अवरोधक लगा दिए. उन्होंने वाहनों से तोडफ़ोड़ भी की. जमात के वकील अब्दुर रज्जाक ने कहा, हमें यह फैसला स्वीकार नहीं है. पार्टी ने तुरंत ही सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल कर दी है. यदि सर्वोच्च अदालत भी इस फैसले पर मुहर लगाती है तो जमात के लिए सभी दरवाजे बंद हो जाएंगे. पार्टी ने 12 और 13 अगस्त को देशव्यापी प्रदर्शनों का आह्वान किया है. इस्लामी विद्वान सैयद रेजुल हक चौधरी ने फैसले का स्वागत किया है.जमात को नहीं होना चाहिए राजनीति में

उन्होंने कहा कि जमात को राजनीति में नहीं होना चाहिए. उन्होंने पार्टी को देशविरोधी और इस्लाम के खिलाफ बताया. बांग्लादेश तरीकत फेडरेशन के सचिव जनरल रेजाउल हक चांदपुरी और 24 अन्य लोगों ने 25 जनवरी, 2009 को जमात के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. तरीकत सूफी सिद्धांत का उपदेशक है. यह संगठन पंथनिरपेक्षता को बढ़ावा देता है. याचिका में कहा गया था कि जमात-ए-इस्लामी एक धर्म आधारित पार्टी है. यह बांग्लादेश की स्वतंत्रता और संप्रभुता में विश्वास नहीं रखती.अवामी लीग के युवा नेता की क्रॉस फायरिंग में मौतरैपिड एक्शन बटालियन और अपराधियों के बीच हुई क्रॉस फायरिंग में सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के युवा नेता जाहिद सिद्दीकी तारिक की मौत हो गई. पार्टी के युवा मोर्चा ‘जुबो लीग’ के नेता तारिक ने मंगलवार को अपनी ही पार्टी के साथी रियाजुल हक खान मिल्की की हत्या कर दी थी. मिल्की की मौत को लेकर देश में हंगामा खड़ा हो गया था.

Posted By: Satyendra Kumar Singh