Jagran Agri Panchayat Summit: कृषि मंत्री रामविचार नेताम बोले 'कृषि के क्षेत्र में आई क्रांति से हर क्षेत्र में दिख रहा बदलाव'
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Jagran Agri Panchayat Summit: जागरण न्यू मीडिया की ओर से आयोजित 'जागरण एग्री पंचायत समिट एंड अवॉर्ड' में कृषि क्षेत्र से जुड़े विभिन्न विशेषज्ञों ने शिरकत की। छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम भी कार्यक्रम में शामिल हुए और इसे संबोधित किया। उन्होंने कहा कि किसान के बेटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले शिवराज चौहान के हाथों में किसानों का भविष्य है। मजबूत इरादों वाले सरकार के साथ में किसानों का भविष्य है। इस पर वे गर्व करते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में जो क्रांति हो रही हैं, इससे हर क्षेत्र में बदलाव देखने को मिल रहा है। इन बदलाव में उत्पादन बढ़ाने में तकनीकी मदद भी शामिल है। यह कार्यक्रम के जरिए किसानों का आत्मविश्वास बढ़ाने का संदेश दिया है। पीएम मोदी भी इसे बढ़ावा दे रहे हैं। टेक्नोलॉजी की मदद से इनपुट कॉस्ट को कम करने में मदद मिल रही है।
'किसानों को मिल रही अच्छी कीमत'
कृषि मंत्री ने कहा, 'छत्तीसगढ़ की पहचान नक्सली से होती है। बहुत से लोगों को यह मालूम नहीं होगा कि यहां देश में धान की कीमत सबसे ज्यादा है। राज्य सरकार प्रति एकड़ अनुमान पर नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर खरीदारी करती है। सरकार किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल पर धान खरीद रही है। किसानों की अच्छी कीमत और बाजार मिल रही हैं, जिससे वे उपज बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं। प्रदेश में एक लाख 47 हजार क्विंटल धान का उत्पादन हुआ है। इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने कृषि उन्नति योजना के तहत 10 हजार करोड़ से ज्यादा की प्रोत्साहन राशि किसानों की दी है।' संबोधन के दौरान रामविचार नेताम ने बताया कि खेती के साथ मशीनरी के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र की मदद से किसानों को लगभग 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है। इससे किसानों की इनपुट कॉस्ट कम हो रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मदद से अलग-अलग योजनाएं चलाई जा रही है। न सिर्फ धान बल्कि सब्जियां और फल भी राज्य से बाहर आयात की जा रही हैं। राज्य के किसान अपने उत्पादों को दूसरे राज्यों में बेच रहे हैं। ये सब ऑनलाइन मार्केटिंग और ई-नाम मंडियों की मदद से हो रहा है।
दूसरे राज्यों को बेंच रहे हैं सब्जियां
उन्होंने बताया, 'राज्य सरकार केंद्र की मदद से धान खरीद के लिए भी अत्याधुनिक सुविधा दे रही है। आज नौकरीपेशा लोग कृषि की ओर लौट रहे हैं। युवा पीढ़ी भी खेती किसानी की ओर लौट रही है। एक समय था जब राज्य अपनी जरूरत के लिए सब्जी का आयात करता था। आलू और मिर्च के लिए हम दूसरे राज्यों पर निर्भर थे। आज हम इन सब्जियों को दूसरे राज्यों को बेच रहे हैं।'छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मिलट (मोटे अनाज) की खेती को भी बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा, 'हमने हर जिले में डीएम को टास्क दिया है कि मिलट की उपज को बढ़ावा देने के लिए मार्केटिंग की व्यवस्था करें। बस्तर, दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे सुदूर जिलों में किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। मोटे अनाज से बने उत्पादों को बेचने के लिए स्टॉल लगाए जा रहे हैं। इसके लिए ग्लोबल मार्केट में विकल्प तलाशें जा रहे हैं। मिल्क का रकबा भी बढ़ रहा है। इसमें तकनीक के साथ साथ नैनो यूरिया की भी मदद ली जा रही है।'
सकारात्मक परिणाम मिल रहे: कृषि मंत्री
रामविचार नेताम ने कहा कि तकनीक के साथ साथ किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाएं और प्रोत्साहन राशि दिए जाने का सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा हैं। प्रदेश में जहां पहले किसान एक सीजन में एक फसल लेते थे। आज वे एक सीजन में डबल क्रॉप ले रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थित अच्छी हो रही है। राज्य में अलग-अलग कलस्टर के लिए अलग अलग योजनाएं चला रहे हैं। इसके साथ ही किसानों को ई-नाम मंडियों के जरिए बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं। सरकार को-ऑपरेटिव समितियों के जरिए कृषि उपज सीधे खरीद रही है।मोटे अनाज की खेती में जो कमियां थी उन्हें दूरस्थ किया जा रहा है। मिलट के साथ-साथ सब्जियों के उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है।