बीजेपी के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ शनिवार को देश के 14वें उपराष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को भारी अंतर से हराया।

नई दिल्ली (पीटीआई)। धनखड़ पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल हैं। वे अब राज्यसभा के सभापति होंगे। ध्यान रहे कि राज्यसभा में विपक्ष इस समय विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार विरोधी तेवर अपनाए हुए हैं। धनखड़ को 528 मत मिले जबकि अल्वा को 182 मत प्राप्त हुए। 1997 के बाद किसी उपराष्ट्रपति को यह सबसे बड़े अंतर से जीत मिली है।

Congratulations to Shri Jagdeep Dhankhar Ji on being elected India&यs Vice President with resounding support across party lines. I am confident he will be an outstanding Vice President. Our nation will gain tremendously from his intellect and wisdom. @jdhankhar1 pic.twitter.com/YD8BHb512W

— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2022


पिछले छह उपराष्ट्रपति चुनाव में सबसे बड़ी जीत
उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मिलकर करते हैं। 71 वर्षीय धनखड़ के विजयी घोषित होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी और पार्टियों लाइन को दरकिनार करते हुए उन्हें मत देने को महत्वपूर्ण बताया। मोदी ने कहा कि 'किसान पुत्र' का देश के उपराष्ट्रपति के रूप में चुना जाना गर्व की बात है। धनखड़ को 74 प्रतिशत मत मिले। पिछले छह उपराष्ट्रपति चुनाव में यह सबसे बड़ी जीत है।

I thank all those MPs who have voted for Shri Jagdeep Dhankhar Ji. At a time when India marks Azadi Ka Amrit Mahotsav, we are proud to be having a Kisan Putra Vice President who has excellent legal knowledge and intellectual prowess. @jdhankhar1 pic.twitter.com/JKkpyAkv3i

— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2022


विपक्ष की उम्मीदवार अल्वा ने भी दी जीत की बधाई
मोदी ने संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के आवास पर धनखड़ से भेंट की तथा उन्हें गुलदस्ता दिया। प्रधानमंत्री ने धनखड़ को वोट देने वाले सभी सांसदों का आभार जताया। मोदी ने ट्वीट किया कि जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, ऐसे समय में किसान पुत्र का उपराष्ट्रपति चुना जाना गर्व का क्षण है। वे कानून के अच्छे जानकार हैं और बुद्धिजीवी हैं। 80 वर्षीय अल्वा ने धनखड़ को जीत की बधाई दी। वे वकील से राजनेता बनीं हैं। वे सांसद भी रह चुकी हैं।
विपक्ष की उम्मीदवार अल्वा भी रह चुकी हैं राज्यपाल
अल्वा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं। उन्होंने कहा कि अब जबकि चुनाव बीत चुका है लेकिन संविधान को बचाने तथा लोकतंत्र को मजबूत करने का और संसदीय मर्यादा को पुनः स्थापित करने की लड़ाई जारी रहेगी। मार्गरेट अल्वा भी राज्यपाल रह चुकी हैं।
ममता की पार्टी के दो सांसदों ने पार्टी लाइन से हटकर किया मतदान
तृणमूल कांग्रेस ने मतदान से दूरी बनाए रखी और पार्टी का दावा था कि अल्वा को विपक्ष का उम्मीदवार बनाने से पहले उनसे सलाह नहीं ली गई थी। हालांकि पार्टी के दो सांसद शिशिर कुमार अधिकारी तथा दिब्येन्दु अधिकारी ने पार्टी लाइन से इतर मतदान किया। लोकसभा में 23 सहित तृणमूल के 36 सांसद हैं।

Posted By: Satyendra Kumar Singh