अपनी फिल्मों में भी मिसाल थीं जयललिता आइये देखें उनका फिल्मी सफर
तमिल के अलावा तेलुगू और कन्नड की कामयाब अभिनेत्री रह चुकी जयललिता वैसे तो बाल कलाकार के तौर पर फिल्मों से काफी पहले जुड़ी हुई थीं। पर बतौर टीन एजर उनकी पहली फिल्म अंगेजी में थी।। स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने 1961 में 'एपिसल' नाम की अंग्रेजी फिल्म में काम किया।
हालाकि जयललिता ने एक बार बताया था कि वे वकील बनना चाहती थीं। इसके बावजूद घर की कमजोर आर्थिक स्थिति संभालने के लिए उन्हें अपनी एक्ट्रेस मां के दवाब में फिल्मों में काम करना पड़ा। मात्र 15 वर्ष की आयु में वे कन्नड फिल्मों में मुख्य अभिनेत्री की भूमिकाएं करने लगीं। कन्नड भाषा में उनकी पहली फिल्म 'चिन्नाडा गोम्बे' है जो 1964 में प्रदर्शित हुई।
तमिल फिल्मों में कामयाबी
कन्नड़ फिल्मों के बाद उन्होने तमिल फिल्मों की ओर रुख किया। तमिल सिनेमा में उन्होंने जाने माने निर्देशक श्रीधर की फिल्म 'वेन्नीरादई' से अपना करियर शुरू किया। तमिल सिनेमा ही पहली बार उन्होंने कामयाबी का स्वाद चखा। उन्हें सबसे ज्यादा सफलता तमिल फिल्मों से ही मिली हालाकि बाद में वो कन्नड़ और तेलगु फिल्मों में बड़ा नाम बन गयीं।
साल 1962 में जयललिता पहली बार बॉलीवुड आयीं। उन्होंने किशोर कुमार और साधना स्टारर फिल्म ' मन- मौजी ' में तीन मिनट का छोटा सा रोल किया था। इस फिल्म में उनका एक डांस सीक्वेंस था जो उन्होंने भगवान कृष्ण का गेटअप लेकर किया था। इसके बाद जयललिता को 1968 में एक बड़ा रोल टी प्रकाश राव की फिल्म ' इज्ज़त ' में मिला। इस फिल्म में उन्होंने झुमकी नाम का करेक्टर प्ले किया था। फिल्म में धर्मेन्द्र और तनुजा ने लीड रोल निभाया था। हालाकि फिल्म कोई खास कामयाब नहीं हुई।
जयललिता की ज्यादातर फिल्में शिवाजी गणेशन और एमजी रामचंद्रन के साथ ही आईं। उन्हें हमेशा से एमजीआर का करीबी माना जाता था जिनके साथ उन्होंने करीब 28 फिल्मों में काम किया। एमजीआर उन्हें कितना पसंद करते थे इसका एक प्रमाण ये भी था कि वो उन्हें अपने साथ राजनीति में भी लाये और अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी भी बना गए।
सिर्फ आई कैंडी नहीं थीं बोल्ड जयललिता
जयललिता दक्षिण भारतीय फिल्मों की सबसे कामयाब अभिनेत्रियों में से एक थीं और बेहद बोल्ड भी थीं। वे दक्षिण भारत की पहली ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने स्कर्ट पहनकर फिल्मों में एक्टिंग की थी। इसके बावजूद उन्होंने ये भी साबित किया कि वे एक सर्मथ अभिनेत्री हैं और कई फिल्मों में सशक्त औरत के मीनिंगफुल करेक्टर प्ले किए।
जयललिता की गिनती दक्षिण भारत की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेसेस में होती थी। उन्हें बेहतरीन अभिनय के लिए तीन बार दक्षिण की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया। पहली बार उन्हें शिवाजी गणेशन की तमिल फिल्म 'Pattikada Pattanama'(1971) के लिए, उसी साल तेलुगु फिल्म 'श्री कृष्ण सत्य' के लिए उन्हें दूसरा और साल 1973 में तमिल फिल्म 'Suryakanthi' के लिए तीसरा फिल्मफेयर मिला था। Interesting News inextlive from Interesting News Desk