एक अमरीकी अधिकारी के मुताबिक़ इसराइल के एक विमान ने सीरिया के तटीय शहर लटाकिया के पास हमला किया है.


अमरीकी अधिकारी ने कहा कि हमले में रूस निर्मित मिसाइलों को निशाना बनाया गया जो कि लिबनानी चरमपंथी गुट हिज़बुल्लाह के लिए थीं.लटाकिया को राष्ट्रपति बशर अल-असद का गढ़ माना जाता है, और यह सीरिया का एक महत्वपूर्ण तटीय शहर है.इसराइल को सीरिया में इस साल अब तक तीन बार हवाई हमले करने के आरोप में व्यापक रूप से सूचित किया जा चुका है.आधिकारिक बयान नहींसमयसीमा से पहले ही ओपीसीडब्ल्यू यानी ऑर्गनाइज़ेशन फ़ॉर द प्रॉहिबिशन ऑफ़ केमिकल वेपंस द्वारा  रासायनिक हथियार बनाने वाले उपकरणों को नष्ट करने की घोषणा के तुरन्त बाद इस हमले को अंजाम दिया गया है.अमरीकी अधिकारी के मुताबिक़ इसराइली हमला बुधवार रात से गुरुवार तक चला.गुरुवार को लटाकिया में विस्फोट होने की ख़बरें आईं थीं लेकिन इसकी वजह स्पष्ट नहीं की जा सकीं थीं. सीरिया के सभी रासायनिक हथियार उपकरण 'नष्ट'


ब्रिटेन के एक मानवाधिकार कार्यकर्ता के मुताबिक़ स्नूबर जब्लेह में वायुसेना के शिविर में धमाकों की कई आवाज़ें सुनाईं दीं.इसराइल और सीरिया की तरफ़ से इस बारे में अभी तक कोई बयान नहीं आया है.नाम न बताने की शर्त पर एक अमरीकी अधिकारी ने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि इसराइली हमले में रूस निर्मित एसए-125एस मिसाइलों को निशाना बनाया गया था.

ओपीसीडब्ल्यू के निरीक्षकों ने सीरिया में फैले 23 में 21 ऐसे स्थानों का दौरा किया जहाँ रासायनिक हथियारों को तैयार किया जाता था.इसराइल ने क्या कहा?इसराइल ने एक बार फिर ये दोहराया है कि अगर उसे लगता है कि सीरिया के पारंपरिक या रासायनिक हथियारों को चरमपंथियों और मुख्य रूप से हिज़बुल्लाह को हस्तांतरित किया जाता है, तो वह कार्रवाई करेगा.रूस, सीरिया संघर्ष के दौरान सीरिया में लगातार हथियारों की पूर्ति कर राष्ट्रपति बशर-अल-असद का प्रमुख समर्थक रहा है.असद ने  इसराइल द्वारा भविष्य में किए जाने वाले किसी भी हमले का जबाव देने का वादा किया था.ओपीसीडब्ल्यू द्वारा रासायनिक हथियारों के उपकरणों को नष्ट करन के बाद सीरिया के उप विदेश मंत्री फ़ैसल मकदाद ने बीबीसी से कहा था कि सीरिया की सरकार मध्य पूर्व में हथियारों को व्यापक रूप से नष्ट करने में पूरी तरह साथ थी.सीरिया में अभी भी 1,000 टन से ज़्यादा ख़तरनाक रसायन मौजूद हैं जिन्हें ख़त्म किया जाना बाक़ी है.

संयुक्त राषट्र के मुताबिक़ 2011 में बशर अल-असद के ख़िलाफ़ शुरु हुई बग़ावत के बाद से सीरिया में अब तक एक लाख लोग मारे जा चुके हैं और 20 लाख से ज्यादा लोग देश से पलायन कर चुके हैं.

Posted By: Subhesh Sharma