मिल गया बरमूदा ट्राइएंगल का राज! वैज्ञानिकों ने खोज निकाला जहाज निगलने वाला विशाल 'मुंह'
विशालकाय खड्ड से खुलेगा राज
वैज्ञानिकों को बैरेंट्स सागर सागर के अंदर एक विशालकाय गढ्ढा मिला है और उनका मानना है कि इस की जांच करने पर इस बाद का तार्किक उत्तर मिल सकता है कि आखिर बरमूदा ट्राइएंगल से गुजरने वाले जहाज कहां गायब हो जाते हैं। ये गढ्ढा करीब आधा मील चौड़ा और 150 फीट गहरा है। वैज्ञानिकों का कहना कि ये गढ्ढा संभवत प्राकृतिक गैसों से सम्पन्न नार्वे के तट पर मिथेन गैस के विस्फोट से निर्मित हुआ है। ऐसे और भी गढ्ऐ वहां हो सकते हैं और उनसे होने वाली प्रतिक्रिया जहाजों के गायब होने का कारण हो सकती है ऐसा शोधकर्ताओं का अनुमान है।
पहले भी व्यक्त की गयी थीं ऐसी संभवनायें
पहले भी बरमूदा ट्राइएंगल पर अध्ययन कर रहें विशेषज्ञों ने संभावना व्यक्त की थी कि इस इलाके में प्राकृतिक गैसों से हुए विस्फोट के चलते ऐसा मिश्रण बनता है जो इस निश्चित क्षेत्र से गुजरने वाले जहाजों और वायुयानों को गायब कर देता है। इस बार भी कहा जा रहा है कि गैसों से प्रतिक्रिया कर बर्फ से मिथेन गैस बनती है और उसमें विस्फोट होता है जिससे एक वैक्यूम बनता है और वायुयान और जहाज खिंच कर डूब जाते हैं और और गैसों के साथ या तो डिजाल्व हो जाते हैं या खाक हो कर गायब हो जाते हैं। सच्चाई क्या है तो जब अध्ययन पूरा होगा तब सामने आयेगी पर ऐसी ही कई संभावनायें व्यक्त की जा रही हैं।l