इराक के प्रधानमंत्री नूरी मलिकी ने बीबीसी से कहा है कि रूस और बेलारूस से मिलने वाले विमान आने वाले दिनों में विद्रोहियों के खिलाफ मुश्किल हालात से निजात दिलाएंगे.


मलिकी कहा, ''अल्लाह ने चाहा तो एक हफ्ते के दरम्यान ये सेना असर दिखाने लगेगी. हम आतंकवादियों के अड्डे नष्ट कर देंगे.''उन्होंने कहा, ''अमरीकी जेट खरीदने का मतलब है लंबी प्रक्रिया से गुजरना. विद्रोहियों का आगे बढ़ना तभी रोका जा सकता है अगर हवाई सुरक्षा अपनी जगह मुकम्मल हो.''इस्लामी जिहादी संगठन इस्लामिक स्टेट इन इराक़ ऐंड अल-शाम यानी आईएसआईएस और उसके सुन्नी मुसलमान सहयोगी इस महीने  इराक के बड़े इलाकों पर कब्जा कर चुके हैं.मलिकी ने  आईएसआईएस के हमलों के बाद पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय प्रसारक के रूप में बीबीसी की अरबी सेवा को इंटरव्यू दिया है.उन्होंने कहा, ''मुझे ये कहने में कोई हिचक नहीं कि जब हम लोगों ने करार (अमरीका से) पर हस्ताक्षर किए तो हम धोखे में थे.''
इराक़ को ईरान ने भी समर्थन के संकेत दिए हैं, इराक़ के शिया मुसलमान नेताओं के ईरान से नजदीक़ी रिश्ते हैं.मलिकी ने पुष्टि की कि सीरिया और इराक की सीमा पर सीरियाई सेनाएं इस्लामी विद्रोहियों पर हवाई हमले कर रही हैं.उन्होंने कहा, ''वो अपना आक्रमण करती हैं और हम अपना. आखिर में विजेता हम दोनों देश ही होंगे.''

Posted By: Satyendra Kumar Singh