ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी कहना है कि अगर अमेरिका अपने प्रतिबंधों को हटाता है और 2015 के परमाणु समझौते पर वापस लौटता है तो वह भी उसके साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। हालांकि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने रूहानी के विचारों को नकार दिया है।


दुबई/पेरिस (रॉयटर्स)। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने रविवार को टीवी पर बातचीत के दौरान कहा कि अगर अमेरिका अपने प्रतिबंधों को हटाता है और 2015 के परमाणु समझौते पर वापस लौटता है तो वह भी उसके साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, 'हम हमेशा बातचीत में विश्वास करते हैं ...अगर वे प्रतिबंध हटाते हैं, लगाए गए आर्थिक दबाव को खत्म करते हैं और सौदे पर वापस लौटते हैं, तो हम आज और कहीं भी अमेरिका के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं।' वहीं अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने रूहानी के विचारों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि रूहानी इस तरह का प्रस्ताव अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री जॉन एफ केरी और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के सामने भी रख चुके हैं लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ। परमाणु समझौता एक बड़ी गलती
पोंपियो ने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप इस पर स्पष्ट रूप से अंतिम निर्णय लेंगे लेकिन इस रस्ते पर चलकर पिछला प्रशासन दबाव में आ गया था और बाद में मजबूरन ईरान से परमाणु समझौता करना पड़ा। राष्ट्रपति ट्रंप और मेरा मानना ​​है कि वह एक बड़ी गलती थी।' बता दें कि पिछले महीने ईरान ने उसकी सीमा में घुसे एक अमेरिकी ड्रोन आरक्यू-4 ग्लोबल हॉक को मार गिराया था। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव पहले से ज्यादा बढ़ गया। ट्रंप ने एक तरफ ईरानी सेना के कंप्यूटर पर कराया साइबर हमला, दूसरी ओर बिना शर्त ईरान से बातचीत के लिए तैयारकंप्यूटर पर कराया हमलाइसके परिणामस्वरूप ट्रंप ने अपनी सेना के हैकरों को ईरानी सेना के कंप्यूटर पर हमला करने का आदेश दिया। हालांकि, इससे पहले उन्होंने ईरान पर सैन्य कार्रवाई करने के भी आदेश दिए थे लेकिन बाद में इस फैसले को वापस ले लिया था। अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि अगर हमला करता तो ईरान में 150 लोगों की मौत हो जाती, इसलिए 10 मिनट पहले अपनी सेना को रोक दिया। ड्रोन हमले पर ईरान का कहना था कि ड्रोन ने उसके एयरस्पेस का उल्लंघन किया, जबकि वॉशिंगटन ने कहा कि ड्रोन इंटरनेशनल एयरस्पेस में मार गिराया गया।

Posted By: Mukul Kumar