तेल उत्पादक ईरान में टंकी फुल कराने की होड़
इससे पहले कि तेल की कीमतों में की वृद्धि लागू होती, उससे पहले आम लोग बड़ी संख्या में अपनी कारों की टंकी फुल कराने पेट्रोल पंपों पर नज़र आए.राष्ट्रपति हसन रूहानी की सरकार को उम्मीद है कि इस क़दम से अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा जो पश्चिमी प्रतिबंधों के चलते पस्त हो चुकी है.क़ीमतों में इस बढ़ोत्तरी के बावजूद ईरान में पेट्रोल दुनिया के अन्य के हिस्से के मुक़ाबले सस्ता है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि इस बढ़ोत्तरी को देश में पसंद नहीं किया जाएगा.ईरान में क़रीब एक चौथाई युवा बेरोज़गार हैं या अपनी योग्यता से कमतर काम कर रहे हैं.ईरान में सब्सिडी के चलते बोतलबंद पानी के मुक़ाबले पेट्रोल अधिक सस्ता है.महंगाईताज़ा फ़ैसले के बाद से पेट्रोल की कीमतें 16.5 रुपये से बढ़कर 23.8 रुपये प्रति लीटर हो गई है.
"हम प्रांतों, शहरों और ग्रामीण इलाकों में इन योजनाओं को लागू करने की तैयारी दो महीनों से कर रहे थे."-अब्दोलरजा रहमानी फाजिल, ईरान के गृह मंत्रीडीजल और प्राकृतिक गैस की क़ीमतों में भी बढ़ोत्तरी हुई है.
वर्ष 2007 में जब पहली बार सस्ते पेट्रोल की योजना शुरू की गई थी तो कुछ पेट्रोल पंपों पर दंगे हो गए थे. हालांकि इस बार कीमतों में बढ़ोत्तरी की घोषणा के बाद कहीं से अशांति की ख़बर नहीं है.ईरान की सरकारी एजेंसी ने गृह मंत्री अब्दोलरजा रहमानी फाजिल के हवाले से बताया, "हम प्रांतों, शहरों और ग्रामीण इलाकों में इन योजनाओं को लागू करने की तैयारी दो महीनों से कर रहे थे."इस साल अभी तक ईरानियों के बिजली बिल में 24 प्रतिशत और पानी के बिल में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो चुकी है.राष्ट्रपति रूहानी इस समय ईरान के विवादित क्लिक करें परमाणु कार्यक्रम से पीछे हटने और बदले में क्लिक करें अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के लिए दुनिया के प्रमुख देशों से बातचीत कर रहे हैं.