आईपीएल स्पॉट फ़िक्सिंग: कब-क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बीसीसीआई के क्रियाकलाप सार्वजनिक कार्य हैं और अनुच्छेद 226 के तहत उनकी समीक्षा की जा सकती है.अदालत ने बीसीसीआई को छह हफ़्ते में नए चुनाव करवाने का आदेश दिया है.साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एन श्रीनिवासन को तब तक चुनाव लड़ने से रोक दिया है जब तक कि उनके आईपीएल में व्यावसायिक हित हैं.एक नज़र आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले पर
7 अक्टूबर 2013: सुप्रीम कोर्ट ने फ़िक्सिंग मामले की जांच के लिए जस्टिस मुदगल कमेटी बनाई.10 फ़रवरी 2014: मुद्गल कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआई के क्रियाकलाप सार्वजनिक कार्यों की श्रेणी में आते हैं और उनके कामों की समीक्षा की जा सकती है.