अमरीकी अधिकारियों ने ऑनलाइन चाइल्ड पोर्न परोसने वाले एक बड़े अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है.


अधिकारियों ने कहा कि इस गुप्त सदस्यता वाली वेबसाइट को चलाने वाले 14 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.वेबसाइट पर मौजूद वीडियो में मौजूद क़रीब 250 बच्चों में से अधिकतर  अमरीका से हैं.इस वेबसाइट पर 27,000 ग्राहक मौजूद थे. इनमें से कईयों पर व्यक्तिगत मामला दर्ज किया गया है.आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आइस) के उप निदेशक डैनियल रैगस्डैल ने समाचार एजेंसी रायटर को बताया, "इस एजेंसी के इतिहास में हमने इससे पहले कभी भी बाल उत्पीड़न के किसी एक मामले की जांच के दौरान इतने बड़े पैमाने पर नाबालिग पीड़ितों को नहीं पाया है."एजेंसी ने होमलैंड सुरक्षा और अन्य एजेंसियों की सहायता से इस गिरोह का पर्दाफ़ाश किया है.


अधिकारियों ने कहा कि वीडियो में मौजूद बच्चों की उम्र तीन से 17 साल के बीच है और वे अमरीका के 39 राज्यों से हैं. कुल 251 पीड़ितों में से 23 ब्रिटेन, कनाडा, न्यूज़ीलैंड,  ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम के हैं.उत्तेजना वाले वीडियोयह वेबसाइट सोशल नेटवर्क पर वीडियो साझा कर कामोत्तेजक सामग्री उपलब्ध कराती थी.यह वेबसाइट लड़कों के  अश्लील वीडियो साझा करती थी. इन लड़कों को सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से अपने कामोत्तेजक वीडियो देने के लिए फंसाया जाता था. कभी-कभी तो पुरुष महिला बनकर लड़कों को फंसाते थे.

गिरफ्तार संदिग्धों में शामिल 27 साल के जोनाथन जॉनसन दक्षिणी अमरीकी राज्य लूसियाना से संचालित इस अश्लील वेबसाइट के कथित प्रशासक थे.अधिकारियों ने कहा कि जॉनसन अगर दोषी पाए जाते है तो उन्हें 20 साल की सज़ा हो सकती है.पुलिस का कहना है कि यह अवैध वेबसाइट जून 2012 से जून 2013 तक एक गुप्त सेवा बोर्ड के टौर नेटवर्क पर संचालित होती रही. जॉनसन को जून 2013 में गिरफ़्तार किया गया था.टौर नेटवर्क ऑनलाइन पहचान को और एक उपयोगकर्ता के स्थान को गुप्त रखता है.साजिश का आरोपआइस साइबर अपराध केंद्र के कार्यक्रम प्रबंधक जेम्स कीलपैट्रिक ने रायटर को बताया कि इस रैकेट का भंडाफोड़ तब हुआ जब एक आइटम एक बच्चे को अमेरिकी डाक सेवा के माध्यम से भेजा गया था. इसके बाद ही जॉनसन पकड़ में आया था.गिरफ़्तार 14 लोगों पर बाल शोषण उद्यम संचालित करने की साजिश का आरोप लगाया गया है.अधिकारियों का कहना है, जब इस वेबसाइट को निष्क्रिय किया गया तो उस वक़्त अवैध वेबसाइट पर वेब कैमरों से बनाए गए 2,000 से अधिक वीडियो मौजूद थे जिसमें से ज़्यादातर किशोर लड़कों के थे.

आइस अधिकारियों ने आगाह किया है कि बच्चों को ऑनलाइन कामोत्तेजक सामग्री देने के लिए लालच दिया जा रहा है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh