भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में फांसी की सज़ा सुनाए जाने के मामले में भारत ने इंटनरेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस का दरवाज़ा खटखटाया है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले के अनुसार इस अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भारत सरकार के अनुरोध पर क़दम उठाए हैं। लेकिन आख़िर ये अंतरराष्ट्रीय न्यायालय काम कैसे करता है और इसके अधिकार क्या हैं।

 

क्या है अंतरराष्ट्रीय न्यायालय

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस या अंतरराष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र का महत्वपूर्ण न्यायिक अंग है। इसकी स्थापना 1945 में हॉलैंड के शहर हेग में हुई थी और अगले साल इसने काम करना शुरू कर दिया।

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस एक विश्व न्यायालय के रूप में काम करता है।

 

भारत का रुख़

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया है कि चार कारणों से भारत सरकार ने कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया है।

- पहला कारण था पाकिस्तान के ज़रिए काउंसलर सेवा मुहैया कराने से इंकार करना।

- दूसरा कारण कुलभूषण जाधव से जुड़े क़ानूनी दस्तावेज़ की कॉपी देने से पाकिस्तान सरकार का इंकार करना है

- तीसरे कारण है जाधव की माँ की अपील पर पाकिस्तान की ख़ामोशी

- चौथा कारण रहा कुलभूषण जाधव के परिवार वालों को वीज़ा देने से पाकिस्तान का इंकार करना

उधर पाकिस्तानी सरकार ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की तरफ से पाकिस्तानी अदालत को कोई आदेश नहीं मिला है।

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के सलाहकार सरताज अज़ीज़ ने बीबीसी से कहा है कि सरकार अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अधिकार- क्षेत्र का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

भारतीय मीडिया के मुताबिक हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इस मामले में पाकिस्तान से ये सुनिश्चित करने को कहा है कि कुलभूषण जाधव को सभी विकल्पों पर विचार करने से पहले फांसी न दी जाए। मगर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इस खबर की पुष्टि करने से इंकार कर दिया है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh