यूपी में सबसे ज्यादा लोग अपने पड़ोसियों से परेशान हैं? वजहें जानकर रह जाएंगे हैरान
LUCKNOW (11 Jan): प्रदेश के नागरिक पड़ोसियों से सबसे ज्यादा परेशान हैं, यह खुलासा हुआ है यूपी-100 के एक साल पूरा होने पर जारी किये गए आंकड़ों से. यूपी-100 को मिली शिकायतों में सबसे ज्यादा शिकायत पड़ोसियों से विवाद की प्राप्त हुईं. वहीं, घरेलू हिंसा की शिकायतों की संख्या नंबर दो पर रही. इन शिकायतों में खास बात यह है कि इनमें सबसे ज्यादा पीडि़त ग्रामीण क्षेत्र के बुजुर्ग हैं. जारी आंकड़ों में कई रोचक तथ्य भी सामने आए हैं, मसलन सबसे ज्यादा शिकायतें रविवार व सोमवार के दिन प्राप्त होती हैं. वहीं, मौसम के हिसाब से शिकायतों की टाइमिंग में भी बदलाव देखा गया है. जरूरतमंदों को मदद पहुंचाने के लिये स्थापित यूपी-100 की एक उपलब्धि ऐसी है, जिसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है. इस इमरजेंसी सेवा ने सुसाइड की कोशिश कर रहे 868 लोगों की समय पर पहुंचकर जान बचाई।
विवाद की सबसे ज्यादा, धमकाने की सबसे कम
यूपी-100 द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश भर से मिली शिकायतों में सबसे ज्यादा 29.74 परसेंट पड़ोसियों से विवाद या मारपीट की रहीं. 16.41 परसेंट शिकायतों के साथ घरेलू हिंसा ने दूसरा नंबर हासिल किया. वहीं, प्रॉपर्टी विवाद ने 9.15 परसेंट के साथ तीसरा स्थान हासिल किया. इसके अलावा 6.27 परसेंट के साथ सड़क हादसों ने चौथे, 5.77 परसेंट के साथ चोरी ने पांचवें, 5.66 परसेंट के साथ महिला उत्पीडऩ ने छठी पोजीशन हासिल की. जानलेवा हमले की 2.87 शिकायतें प्राप्त हुईं तो 2.61 परसेंट के साथ जुआ खेलने की शिकायत आठवें नंबर पर रही. नौवें नंबर पर ट्रैफिक जाम की समस्या सामने आई, जहां 1.98 परसेंट लोगों ने अपनी शिकायत दर्ज कराई. सबसे कम 1.87 परसेंट शिकायतें धमकाने की दर्ज की गईं।
बुजुर्ग सबसे ज्यादा पीडि़तशिकायतों में नंबर दो की जगह बनाने वाली घरेलू हिंसा के मामलों को अगर गौर से देखें तो पता चलता है कि 28.7 परसेंट शिकायत दर्ज कराने वाले बुजुर्ग थे. यानि, घरेलू हिंसा से सबसे ज्यादा बुजुर्ग पीडि़त हैं. इनमें भी ग्रामीण क्षेत्र के बुजुर्गों की संख्या शहरी के मुकाबले दो गुनी है. बीते एक साल में परिवारीजनों से विवाद की 2.22 लाख शिकायतें बुजुर्गों ने दर्ज कराई. वहीं, परिवारीजनों द्वारा मारपीट के 88 हजार मामले सामने आए. बुजुर्गों से बदसलूकी के 12 हजार शिकायतें प्राप्त हुईं तो 5,158 बुजुर्गों ने शिकायत की कि उन्हें परिवारीजनों ने घर से निकाल दिया. बुजुर्गों को अपमानित करने की 4402 शिकायतें, प्रताडि़त करने की 2642 शिकायतें दर्ज की गईं. इसके अलावा पति द्वारा पत्नी को पीटने के 21.67 परसेंट, ससुरालीजनों से प्रताडऩा के 12.9 परसेंट, परिवारीजनों द्वारा महिला को पीटने की 6.6 परसेंट, परिवारीजनों द्वारा बच्चों की प्रताडऩा के 1.2 परसेंट, पत्नी द्वारा पति को पीटने की 1 परसेंट, बच्चे को घर से निकालने की 0.7 परसेंट शिकायतें दर्ज हुईं।
प्रदेश भर में ट्रैफिक जाम से राजधानीवासी सबसे ज्यादा बेहाल है. बीते साल ट्रैफिक जाम की सबसे ज्यादा 16,391 शिकायतें लखनऊ से प्राप्त हुईं. 10,089 शिकायतों के साथ गाजियाबाद नंबर दो पर रहा. गौतमबुद्धनगर से 7275 शिकायतें प्राप्त हुईं. कानपुर सिटी से 6764, इलाहाबाद से 5712, वाराणसी से 4555, आगरा से 3659, मथुरा से 1988 और गोरखपुर से 1913 शिकायतें प्राप्त हुईं।
यूपी 100 एक घटना निस्तारित करने में खर्च करती है सिर्फ 633 रुपए सड़क हादसों में लखनऊ अव्वलसड़क हादसों की सूचना में लखनऊ अव्वल रहा. जहां कुल सूचनाओं का सबसे ज्यादा 6.99 सूचनाएं प्राप्त हुईं. गौतमबुद्धनगर 4.55 परसेंट के साथ दूसरे, गोजियाबाद 4.37 परसेंट के साथ तीसरे स्थान पर रहा. कानपुर सिटी में 4.30 परसेंट, इलाहाबाद में 3.69 परसेंट, आगरा में 3.28 परसेंट और मेरठ से 2.53 परसेंट हादसों की सूचनाएं प्राप्त हुईं। 868 लोगों की बचाई जानयूपी-100 की पीआरवी प्रदेश भर में कानून-व्यवस्था के मसलों में शिकायत मिलने पर तो फौरन कार्रवाई करती ही हैं. लेकिन, सुसाइड की कोशिश के मामलों में समय से पहुंचकर 868 लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचा लिया. आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश भर से कुल 24,637 सुसाइड की कोशिश की सूचनाएं मिलीं. इनमें से कुल 868 सूचनाएं जो समय रहते मिल गईं उनमें आग के जरिए 177, फांसी लगाकर 260, जहर खाकर 159, फायर आम्र्स के जरिए 50, पानी में छलांग लगाकर 92, ट्रेन के सामने छलांग लगाकर 68, अन्य घातक हथियार के जरिए 2 व धारदार हथियार के जरिए खुदकुशी करने की कोशिश कर रहे 60 लोगों को समय पर पहुंचकर व उन्हें इलाज दिलाकर जान बचाई. एडीजी आईटेक्स, यूपी-100 आदित्य मिश्र पीआरवी कर्मियों के इस कारनामे को यूपी पुलिस के लिये गौरव की बात मानते हैं।
स्मार्ट पुलिसिंग : हैदराबाद में लांच देश का पहला रोबोकॉप, इंसानों से बात करेगा और संदिग्धों को धर दबोचेगा सबसे ज्यादा शिकायतों वाले 5 जिलेजिले शिकायतेंलखनऊ 2,26,952इलाहाबाद 1,85,557कानपुर सिटी 1,51,035गोरखपुर 1,41,837गाजियाबाद 1,36,449 सबसे कम शिकायतों वाले पांच जिलेजिला शिकायतेंबागपत 15,020बलरामपुर 19,685श्रावस्ती 21,100कासगंज 21,793शामली 23,809