यहां लगता है भूतों का मेला, उल्टी परिक्रमा करने आते हैं लोग
यहां मिल जाता है भूतों से छुटकाराजनाब हम बाम कर रहे हैं बैतूल जिले से 40 किलोमीटर की दूरी पर बसे उस गांव की जहां हर साल भूतों के मेले का आयोजन होता है। मलाजपुर नामक गांव मे लगने वाले भूतों के मेले में देशभर के लोग शरीक होने के लिए आते हैं। मेले की मान्यता है जिन लोगों पर भूत-प्रेतों का साया होता है उन लोगों की यहां चीखने-चीलाने की आवाजें सुनाई देती हैं। यह मेला हर साल मकर सक्रांति के मौके पर लगता है। मेला पूरे एक महीना लगता है। लोगों का मानना है कि जिन लोगों पर भूत-प्रेतों का परछाई होती है उन्हें यहां आने के बाद छुटकारा मिल जाता है।करनी होती है समाधि की परिक्रमा
बैतूल का सैकड़ों साल पुराना अपना एक अनोखा इतिहास है। जो बहुत ही रोचक है। यहां पर रहने वाले पुजारियों का कहना है कि 1770 में यहां पर गुरुसाहब नाम के संत ने जीवित समाधि बना ली थी। कई लोगों ने इस मेले को लेकर कई तरह के विवाद भी किए है। इस मेले को बंद करवाने की कोशिश भी की गई है लेकिन वह इस मेले को लगने से रोक नहीं पाए। तभी से यहां हर तरह के भूत, चुडैल और प्रेत आत्माओं से लोगों को छुटकारा दिलाया जाता है। जो लोग भूत-प्रेतों के साए में होते है उन्हें यहां आकर समाधि की उल्टी परिक्रमा करनी होती है।
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