चीन मैकमोहन लाइन को नहीं मानता जिससे एक लंबा इलाका भारत-चीन सीमा का हिस्‍सा है। यहां पाकिस्‍तानी सीमा की तरह गोलीबारी तो नहीं होती लेकिन बॉर्डर की रक्षा में जवानों को शून्‍य से भी नीचे तापमान पर ठंड में हड्डियां गलानी पड़ती हैं। आइए जानते हैं भूटान और चीन की सीमा से लगे डोकलाम के अलावा भारत-चीन सीमा और कौन से इलाके हैं जहां भारत के जवान जाड़ा गर्मी और बरसात में पलक झपकाए बगैर 24X7 मुस्‍तैद रहते हैं।


पूर्व में अरूणाचल प्रदेश को लेकर विवादमैकमोहन भारत-चीन रिश्तों में खटास की एक बड़ी वजह है। चीन मैकमोहन लाइन को अंतरराष्ट्रीय सीमा के तौर पर मान्यता नहीं देता और वह अरूणाचल प्रदेश को तिब्बत का दक्षिणी इलाका मानता है। मैकमोहन रेखा बिटिश भारत सरकार ने तिब्बत सरकार के साथ 1914 में हुए एक समझौते के बाद अस्तित्व में आई थी। चीन का कहना है कि तिब्बत की सरकार को यह समझौता करने का अधिकार नहीं था। इसलिए वह इस रेखा को सीमा नहीं मानता।इंच से मीलों की ओर बढेंगे इंडिया और चीन: मोदीमध्य में हिमाचल और उत्तराखंड
चीन के साथ भारत का हिमाचल और उत्तराखंड से लगी सीमा पर भी विवाद है। हिमाचल प्रदेश के कौरिक और शिपकी ला तथा उत्तराखंड के नीलांग और लेपथा के करीब 507 किमी लंबी पट्टी पर चीन अपना दावा जताता है। हालांकि यहां शांति बनी रहती है। सीमा पर जब भी किसी देश के जवान गश्त करते हुए अंदर तक चले जाते हैं तो चौकसी पर तैनात जवान लाल बैनर पर अपने इलाके का संकेत देते हैं। ऐसे में दूसरे देश के जवान वापस अपनी सीमा में चले जाते हैं। दोनों देश के जवान यह ड्रिल करते हैं जिससे भारत-चीन सीमा पर शांति बनी रहती है। इस सीमा पर विवाद तो होते हैं लेकिन कभी गोली नहीं चलती।अंतरिक्ष मिशनों पर साथ काम करे भारत-चीन: चीनी मीडिया

Posted By: Satyendra Kumar Singh