1984 सिख विरोधी दंगे की मिस्ट्री अब साॅल्व करेगी एसआर्इटी
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LUCKNOW: इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया है।
ध्यान रहे कि करीब 35 साल पुराने इस मामले में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि चार सदस्यीय एसआईटी में रिटायर डीजीपी अतुल को अध्यक्ष, रिटायर जिला जज सुभाष चंद्र अग्रवाल और रिटायर अपर निदेशक अभियोजन योगेश्वर कृष्ण श्रीवास्तव को सदस्य व एसएसपी को सदस्य सचिव बनाया गया है।
एसआईटी द्वारा अग्रिम विवेचना की जाएगी
एसआईटी पुलिस द्वारा लगाई गयी फाइनल रिपोर्ट की जांच करेगी। इसके परीक्षण में जघन्य अपराधों के प्रकरणों को प्राथमिकता दी जाएगी। यदि किसी मामले में जांच का औचित्य पाया गया तो एसआईटी द्वारा अग्रिम विवेचना की जाएगी। इसके लिए आवश्यकता पडऩे पर डीजीपी मुख्यालय द्वारा इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और अभियोजन अधिकारी मुहैया कराए जाएंगे। एसआईटी को छह माह में जांच कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को देनी होगी।