दुनिया की नंबर एक टीम भारत टेस्ट क्रिकेट इतिहास के 2000वें मैच में जब यहां मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ उतरेगी तो एक तरफ उसके पास इस ऐतिहासिक मैच में इतिहासों की झड़ी लगाने का मौका होगा वहीं दूसरी ओर अपनी बादशाहत बचाए रखने की चुनौती भी होगी.


इतिहास में 2000वां और भारत, इंग्लैंड के बीच 100वां मैच होने के कारण यह टेस्ट शुरु होते ही अपने आप में दोहरा इतिहास कायम कर लेगा लेकिन इसके बाद एक के बाद एक कई इतिहास भारतीय खिलाड़ियों के निशाने पर रहेंगे.  टीम रैंकिंग के हिसाब से भी यह मैच उतना ही महत्वपूर्ण है. भारत फिलहाल 125 अंकों के साथ शीर्ष पर मौजूद है लेकिन यह टेस्ट हारने की स्थिति में वह फिलहाल तीसरे नंबर पर इंग्लैंड के साथ 121 अंकों की बराबरी पर आ जाएगा और नंबर वन की कुर्सी पर उसकी बादशाहत पर खतरा मंडराने लगेगा.


हालांकि, टेस्ट ड्रॉ रहने की सूरत में भी भारत का नंबर वन ताज सुरक्षित रहेगा लेकिन देश के दूसरे सफलतम कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी का लक्ष्य जीत से कम होना नहीं चाहिए क्योंकि आंकडों की किताबों में अपनी अहमियत के हिसाब  से यह टेस्ट स्वर्णाक्षरों में दर्ज होने वाला है. दूसरे, जीत के साथ शुरुआत करने की मनोवैज्ञानिक बढ़त से फायदा तो पूरे सीरीज में मिलता ही है.

टीम को पहली बार नंबर वन की कुर्सी तक पहुंचाने, टी20 और वनडे में विश्वकप दिलाने के बाद धौनी अगर इस ऐतिहासिक मौके पर टीम को जीत दिलाने में कामयाब रहते हैं तो यह उनके सफलताओं भरे ताज में एक और नगीना जुड़ने जैसा होगा.  वैसे टीम इंडिया की राह इतनी आसान नहीं रहने वाली है. तेज गेंदबाजों की सहायक परिस्थितियों में उसे इंग्लैंड की कड़ी चुनौती पर पार पाना होगा और विस्फोटक ओपनर वीरेन्द्र सहवाग की कमी उसे पूरे मैच में खलती रहेगी. वेस्टइंडीज दौरे से सीधे इंग्लैंड पहुंची टीम ने समरसेट के खिलाफ अभ्यास मैच बेहद लचर प्रदर्शन किया था और यह उसके लिए खतरे की घंटी भी है.  इंग्लैंड के तेज गेंदबाज फिलहाल अच्छी फॉर्म में चल रहे हैं. पिछली सीरीज़ में उन्होंने श्रीलंकाई धुरंधरों के पसीने छुड़ा दिए थे। इस लिहाज से भारतीय बल्लेबाजों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी और शॉर्टपिच गेंदों को खेलने की अपनी पुरानी कमजोरी पर ज्यादा ध्यान देना होगा.

Posted By: Kushal Mishra