दुनिया देखेगी भारतीय नौसेना की ताक़त
ये दूसरा मौका है जब यह आयोजना भारत में हो रहा है। इसके पहले साल 2001 में मुंबई में फ़्लीट रिव्यू हुआ था।इसमें चीन और अमरीका समेत 50 से ज़्यादा देश हिस्सा ले रहे हैं।बीबीसी संवाददाता वात्सल्य राय ने रक्षा मामलों के विशेषज्ञ और सोसाइटी फॉर पॉलिसी स्टडीज के डॉयरेक्टर उदय भास्कर से बात की और समझना चाहा कि इंटरनेशनल फ़्लीट रिव्यू दरअसल है क्या?
पंद्रह साल पहले मुंबई में हुए इंटरनेशनल फ़्लीट रिव्यू में भी भारत ने चीन को आमंत्रित किया था लेकिन तत्कालीन राजनीतिक परिस्थितियों की वजह से वह नहीं आया था।इस बार चीनी नौसेना के दो जहाज़ इसमें शामिल हो रहे हैं। दोनों देशों के लिए यह एक सकारात्मक मौका है।
हालांकि भारतीय नौसेना देश की थल सेना और वायु सेना की तुलना में सबसे छोटी है लेकिन इसका महत्व कम नहीं।भारतीय समुद्री सीमा और उसके आगे भी सैन्य ताक़त के लिए यह महत्वपूर्ण है और ये फ़्लीट रिव्यू इसे पहचान दिलाने का बहुत बड़ा मौका है।