विश्व कप हॉकी टूर्नामेंट शनिवार से हॉलैंड के हेग शहर में शुरू हो रहा है. यह तीसरा अवसर है जब हॉलैंड विश्व कप हॉकी टूर्नामेंट की मेज़बानी कर रहा है. इससे पहले हॉलैंड ने 1973 और 1998 में हॉकी विश्व कप का आयोजन किया था.


इस विश्व कप में कुल मिलाकर 12 टीमें भाग ले रही है. भारत को पूल ए में गत वर्ष समेत दो बार चैंपियन रहे ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड, बेल्जियम, स्पेन, मलेशिया के साथ रखा गया है.पूल बी में मेज़बान हॉलैंड, जर्मनी, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण कोरिया, अर्जेंटीना और दक्षिण अफ्रीका है.साल 1975 के विश्व चैंपियन भारत की कमान इस बार अनुभवी सरदार सिंह को सौंपी गई है. भारतीय टीम में अनुभवी गोलकीपर पी श्रीजेश के अलावा डिफेंडर वी रघुनाथ, गुरबाज सिंह, कोथाजित सिंह और फॉरवर्ड एस वी सुनील शामिल हैं. इनके अलावा टीम में अधिकतर खिलाड़ी युवा हैं.'कोई टीम कमज़ोर नहीं'


विश्व कप खेलने के लिए रवाना होने से पहले भारत के कप्तान सरदार सिंह ने कहा, "पिछले तीन-चार महीनों में टीम को अच्छी ट्रेनिंग मिली है. टैरी वॉल्श की कोचिंग में काफी कुछ सीखने को मिला है. छोटी-छोटी कमियों पर काफी ध्यान दिया गया है. उम्मीद है कि टीम विश्व कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगी."टीम के संतुलन को लेकर सरदार सिंह का कहना था कि टीम में युवा और अनुभवी खिलाड़ी हैं.

वैसे तो भारत का पहला मुक़ाबला पूल की अन्य टीमों के मुक़ाबले अपेक्षाकृत आसान टीम बेल्जियम से है लेकिन सरदार सिंह का मानना था कि विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में कोई टीम कमज़ोर नहीं है, मलेशिया भी नहीं.'जीत का जज़्बा ज़रूरी'टीम के बेहद अनुभवी खिलाड़ी वी रघुनाथ ने कहा, "अब समय आ गया है जब हम दिखाएं कि हमने ट्रेनिंग में क्या कुछ सीखा है. हम पदक की बात नहीं कर सकते. पिछले दिनो हॉलैंड दौरे पर हमने देखा कि वहां विश्व कप को लेकर बेहद उत्साह का माहौल है. मेरा यह दूसरा विश्व कप है और हम कोशिश करेंगे कि संतोषजनक परिणाम हासिल करें."दूसरी तरफ विश्व कप में भाग लेने के लिए जाने से पहले टीम के सहायक कोच और 1980 के मॉस्को ओलपिंक में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम के सदस्य रहे एम के कौशिक मानते हैं कि टैरी वॉल्श की कोचिंग में थोड़े समय में ही टीम ने काफी कुछ सीखा है, लेकिन विश्व स्तर पर शानदार प्रदर्शन करने के लिए टीम अभी तैयार नहीं है.उसी टीम के कप्तान रहे अजितपाल सिंह का मानना था कि इस टीम में दम है और हो सकता है कि बीते समय के चैंपियनों से मिलकर इनके दिल में भी कुछ प्रेरणा जागे.

इससे पहले कि भारतीय हॉकी टीम इस विश्व कप में शनिवार को बेल्जियम के ख़िलाफ अपने अभियान का आग़ाज़ कर पाती उससे पहले ही उसके दो खिलाड़ी रमनदीप सिंह और निकिन थिमैया चोटिल होकर बाहर हो गए.उनकी जगह युवराज वाल्मीकि और ललित उपाध्याय को शामिल किया गया है. देखना है कि इस झटके से उबरकर भारत इस विश्व कप में कैसा प्रदर्शन करता है.

Posted By: Subhesh Sharma