भारत में क्रिकेट को सबसे ज्‍यादा पसंद किया जाता है। हम अपने चहेते क्रिकेट स्‍टार की एक झलक पाने के लिए घंटो खड़े रहते हैं। लेकिन यह स्‍टार भी कभी हमारी और आपकी तरह एक आम आदमी हुआ करते थे। इन्‍होंने काफी संघर्ष करके अपना नाम कमाया है। ऐसा ही एक खिलाड़ी है जो टीम में आने से पहले ट्रक ड्राइवर था और बाद में क्रिकेट स्‍टार बना। तो आइए पढ़ें आपके चहेते क्रिकेटर्स के संघर्ष की वो दास्‍तान....


2. वीरेंद्र सहवाग :

भारतीय टीम के विस्फोटक बल्लेबाज रहे वीरेंद्र सहवाग हरियाणा की जाट फैमिली से आते हैं। सहवाग के पिता गेंहू बेचा करते थे। सहवाग अपने 16 कजिन के साथ ज्वॉइंट फैमिली में रहते थे। सहवाग को क्रिकेट का शौक बचपन से ही था। सहवाग ने ऐसे कॉलेज में एडमिशन लिया था जहां क्रिकेट सिखाया जाता था। हालांकि यह इतना आसान न था क्योंकि सहवाग को क्रिकेट प्रैक्टिस करने के लिए रोजाना 84 किमी सफर करना पड़ता था।
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4. मोहम्मद शमी :
भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का जन्म उत्तर प्रदेश के शाहसपुर गांव में हुआ था। शमी के पिता भी क्रिकेट खेला करते थे लेकिन वह कभी नेशनल टीम में शामिल नहीं हो सके। ऐसे में मोहम्मद शमी भी अपने पिता की राह पर चलते हुए तेज गेंदबाज बनना चाहते थे। शमी ने अपने सपने पूरे करने के लिए जी-जान लगा दिया। हालांकि उनके गांव में क्रिकेट फैसेलिटी नहीं थी। न कोई मैदान फिर भी शमी एक बेहतर गेंदबाज बनकर उभरे।
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5. हरभजन सिंह :
भारतीय टीम में 'टर्बनेटर' नाम से मशहूर हरभजन सिंह को जब साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध भारतीय टीम में सेलेक्ट नहीं किया गया। तो वह काफी निराश हो गए थे। इसका मुख्य कारण यह भी था कि, उससे कुछ महीने पहले ही उनके पिता का निधन हो गया था। ऐसे में इकलौते बेटा होने के चलते घर को चलाने की जिम्मेदारी हरभजन पर आ गई। ऐसे में जब टीम में सेलेक्शन नहीं हो पाया तो भज्जी यूएस में ट्रक चलाने के लिए तैयार हो गए थे ताकि घर का खर्चा चल सके। लेकिन समय ने फिर करवट ली और बाद में हरभजन 'टर्बनेटर' बनकर पूरी दुनिया में छा गए।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari