Irfan Pathan Birthday: जिस उम्र में क्रिकेटर्स का करियर शुरू होता है, उस उम्र में खत्म हो गया इरफान पठान का करियर
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Irfan Pathan Birthday: एक दौर था जब भारतीय क्रिकेटर में स्विंग के किंग कहे जाने वाले इरफान पठान ने अपनी स्विंग गेंदबाजी से बल्लेबाजों के मन में खौफ पैदा कर रखा था। उन्हें पाकिस्तान के फार्मर फास्ट बॉलर वसीम अकरम का उत्तराधिकारी माना जाता था। फिर ऐसा कुछ हुआ कि उनके क्रिकेट करियर पर ग्रहण सा लग गया और अब उनका करियर धीरे धीरे ढलान की तरफ जा पहुंचा। इरफान पठान ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से रिटायरमेंट लेने की अनाउंसमेंट करने के बाद कहा था कि लोग 27-28 साल की उम्र में अपना करियर शुरू करते हैं और जब मैं 27 साल का था तब मेरा करियर समाप्त हो गया और मुझे इसका अफसोस है। इरफान पठान ने मात्र 19 साल की उम्र में टीम इंडिया में डेब्यू किया था।
आखिरी मैच 2012 में खेला
इरफान पठान ने सबका ध्यान तब खींचा जब उन्होंने अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ 9 विकेट अपने नाम किए थे। इस बेहतरीन परफॉर्मेंस के बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साल 2003 में टेस्ट दौरे में टीम में खेलना एडिलेड टेस्ट में डेब्यू करने के दौरान उन्होंने बेहतरीन गेंदबाजी की थी। फिर साल 2006 तक वह टीम का नियमित हिस्सा रहे। उनका टेस्ट करियर ज्यादा लंबा नहीं चल सका। उन्होंने मात्र 5 साल ही टेस्ट क्रिकेट खेला। उन्होंने अपने करियर में 29 टेस्ट खेले और 100 विकेट हासिल किए। इरफान पठान ने टेस्ट मैच के पहले ही ओवर में हैट्रिक विकेट ली थी। उन्होंने अपना आखिरी मैच 2012 में श्रीलंका के खिलाफ विश्व टी20 में खेला था।
इरफान पठान ने भी एक्सेप्ट किया कि चोट से उनके करियर पर बहुत बुरा असर पड़ा। उन्होंने कहा, साल 2012 में मैं अच्छा पर्फोम कर रहा था। तब मुझे इसकी पूरी उम्मीद थी कि मेरा सिलेक्शन टेस्ट टीम में हो जाएगा। लेकिन दुर्भाग्य ये रहा कि मैं फिर चोटिल हो गया। तब मैंने 301 अंतरराष्ट्रीय विकेट हासिल कर लिये थे लेकिन मेरा करियर वहीं पर समाप्त हो गया। साल 2007 के वर्ल्ड कप फाइनल में इरफान पठान मैन ऑफ द मैच रहे थे। चोट तथा प्रदर्शन की वजह से उन्हें जल्दी ही रिटायरमेंट लेना पड़ा हालांकि अंतिम तीन मैचों में उन्होंने शानदार पारी खेलते हुए टीम इंडिया को जीत दिलाई। साल 2020 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। इरफान पठान वनडे क्रिकेट में 100 विकेट लेने वाले चौथे भारतीय गेंदबाज थे।