पहली बार महिलाएं मोर्चे पर! कोस्ट गार्ड ने इतिहास रचा, बना ऐसा पहला फोर्स
सीमा पर महिला तटरक्षक
भारतीय कोस्ट गार्ड ने पहली बार पाकिस्तान से जुड़े समुद्री क्षेत्र पर अपनी महिला तट रक्षकों को निगरानी और नियंत्रण का काम सौंपा है। चार महिला कोस्ट गार्ड अधिकारी गुजरात में झाकौन और पश्चिम बंगाल में हाल्दिया के तटों पर पाकिस्तान और बंगलादेश से जुड़ी सीमाओं पर सुरक्षा का भार संभालेंगी। कोस्ट गार्ड अधिकारियों के अनुसार इसके लिए इन महिला कोस्ट अधिकारियों पूरी तरह प्रशिक्षित किया गया है और वो होवर क्राफ्ट कहे जाने विशेष तटरक्षक वाहनों की मदद से इस कार्य को अंजाम देंगी। जिनमें महिला अधिकारी 26/11 के हमले में इस्तेमाल हुई आतंकी गतिवधियों से जुड़ी कुबेर जैसी नावों पर भी नजर रखेंगी।
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विदेशों में भी मोर्चे पर कम हैं महिला सैनिक
हालाकि कुछ देशों जैसे ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, इजरायल और युनाइटेड स्टेटस में महिला सैनिकों को सीमा पर युद्ध के मोर्चे पर भेजा गया है, लेकिन इनकी संख्या बेहद सीमित है। भारत में तटरक्षक बल के चार दशक पूरे होने बाद अब महिलाओं को प्रमुख मोर्चे पर काम करने का अवसर मिला है। देश में 18 होवरक्राफ्ट कोस्ट गार्ड यूनिट्स के साथ जुड़े हैं। ये चार यूनिट्स है महाराष्ट्र में मुंबई, गुजरात में झाकौन, तमिलनाडु मंडपम और पश्चिम बंगाल में हल्दिया।
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देश की सुरक्षा में इस कीर्तिमान को स्थापित करने वाली ये चार महिला तटरक्षक हैं अनुराधा शुक्ला, स्नेहा कात्याल, शिरीन चंद्रन और वसुंधरा चौकसे। इन चारों को तमिलनाडु के मंडपम में कार्य का विशेष प्रशिक्षण देकर तैयार किया गया। इन चारों को तटरक्षक दल ने साल भर पहले प्रधानमंत्री द्वारा महिलाओं की सेना में अधिक भागीदारी करने और ज्यादा जिम्मेदारी भरे कार्य संभालने की अपील के बाद प्रशिक्षिण लेना शुरू किया था।
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