अमेरिका में प्रतिबंधित दवाओं के आयात को लेकर भारतीय कारोबारी दोषी करार, हुई 20 साल की सजा
वाशिंगटन (पीटीआई)। अमेरिका में एक 37 साल के भारतीय व्यापारी को प्रतिबंधित दवाओं के आयात और मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश के आरोपों में दोषी ठहराया गया है। अमेरिका के अटॉर्नी ने इस बात की जानकारी दी है। नागपुर के रहने वाले जीतेंद्र हरीश बेलानी को 3 जून को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था, उसके के बाद उसे अमेरिका में प्रत्यर्पित कर दिया गया था। बेलानी को ड्रग इंपोर्टेंस साजिश के आरोप में 20 साल तक की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा उसपर 10 लाख डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है।भारतीय ने अपराध को किया स्वीकार
अमेरिकी न्याय विभाग ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, 'असल सजा अपराधों की गंभीरता और पूर्व आपराधिक इतिहास पर आधारित होगी।' बेलानी ने अपराध कबूलनामे वाली याचिका में स्वीकार किया कि उसने भारत में एक दवा वितरण इकाई का संचालन किया, जिसे लीएचपीएल वेंचर्स के नाम से जाना जाता है।बेलानी ने स्वीकार किया कि वह और उसके सह-साजिशकर्ता ने 2015 और 2019 के बीच, लीएचपीएल वेंचर्स के माध्यम से, अमेरिका में विभिन्न प्रतिबंधित दवाओं का आयात किया, जिनमें केवल टेंटेंटडोल, ट्रामाडोल, कारिसोप्रोडोल और मोदाफिनिल समेत कई दवाएं शामिल हैं।
अमेरिका में रहने वाले भारतीय ने एक हफ्ते के भीतर अपने चार रिश्तेदारों को उतारा मौत के घाटवेबसाइट के जरिए अमेरिका में बेचते थे प्रतिबंधित दवाइसके अलावा, बेलानी ने यह भी स्वीकार किया कि वह 2015 और 2017 के बीच, अमेरिका में विलियम कुलकेविच और जूलिया फीस नाम के दो साजिशकर्ताओं के साथ काम किया, जो अमेरिका में एटिजोलम नाम की एक दवा की तस्करी करते थे और उन्हें अपने वेबसाइट के जरिए बेचते थे।