अगर आप महाराष्ट्र के सांगली ज़िले में जाएं और वहां बस में सफ़र करते समय यात्रियों को बस कंडक्टर के साथ सेल्फ़ी लेते देखें तो हैरान मत होइएगा।


दरअसल सांगली ज़िले में शेटजाले गांव के रहने वाले 33 साल के आबासाहेब गायकवाड़ हाल ही एडिलेड में हुए ऑस्ट्रेलियन मास्टर गेम्स में तीन स्वर्ण पदक जीत कर लौटे हैं।दो साल में एक बार होने वाले ऑस्ट्रेलियन मास्टर गेम्स में 25 देशों के खिलाड़ी भाग लेते हैं। आठ दिन तक चलने वाले इन खेलों में 30 साल या उससे अधिक आयु के खिलाड़ी ही भाग ले सकते हैं।बीबीसी से उन्होंने कहा, "मुझे बचपन से ही खेलकूद में दिलचस्पी थी, लेकिन मेरे पिताजी के बाद घर की आर्थिक जिम्मेदारियां मुझ पर आ गई थी।"आबासाहेब के पिता बस कंडक्टर थे। इस वजह से 18 साल की आयु पूरी होने पर सरकारी नियमों के तहत उन्हें वह नौकरी मिल गई।आबासाहेब बताते हैं कि इन जिम्मेदारियों के बाद भी उन्होंने कभी खेल के प्रति लगाव को कम नहीं होने दिया।
आबासाहेब को विदेश में हो रही प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए उनके गांव के लोगों का भरपूर सहयोग मिला।वो कहते हैं, "मैं ज़िंदगी भर लोगों के टिकट और छुट्टे पैसे काटता रह जाता अगर मुझे मेरे गांव वालों से प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आर्थिक मदद नहीं मिलती।"


आबासाहेब के घर में उनकी पत्नी और दो बच्चों के अलावा कुल सात सदस्य हैं, जिनका उन्हें ख़्याल रखना होता है।आबासाहेब ओलंपिक और एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं ताकि उन्हें लोग पहचान सकें।उनका मानना है, "शायद तभी सरकार हमारे पास आएगी और हमारी कुछ मदद करेगी, हमें सही प्रशिक्षण के लिए आर्थिक मदद की बहुत ज़रूरत है।"

Posted By: Satyendra Kumar Singh