टेस्ट में हारी विंडीज वनडे में क्यों पड़ी भारी? सामने आई ये बड़ी वजह
कानपुर। भारत बनाम वेस्टइंडीज के बीच पांच मैचों की वनडे सीरीज काफी रोमांचक हो गई है। सीरीज के तीन मैच खत्म हो गए हैं और दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर हैं। विशाखापत्तनम में खेला गया दूसरा वनडे टाई रहा था। इस सीरीज के शुरुआत में माना जा रहा था कि यह एकतरफा रहेगी। मगर विंडीज ने सफेद गेंद के खेल में जिस तरह से प्रदर्शन किया है, वह काबिलेतारीफ है। रैंकिंग में 9वें नंबर पर स्थित वेस्टइंडीज टीम ने दूसरे नंबर की भारत को कड़ी टक्कर दी है। तो आइए जानें टेस्ट सीरीज में जिस विंडीज का भारत ने सफाया किया, वह वनडे में आते ही बदल कैसे गई।
टेस्ट में सीरीज में 2-0 से हारने वाली विंडीज ने वनडे सीरीज में जबरदस्त वापसी की है। इसकी बड़ी वजह है युवा विंडीज खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन। सीमित ओवरों के खेल की बात आती है तो विंडीज टीम का रंग-रूप बदल जाता है। अभी तक खेले गए तीनों वनडे में विंडीज बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया है। इस टीम में भले ही क्रिस गेल, पोलार्ड, ब्रावो और लुईस जैसे बड़े-बड़े नाम गायब है मगर इनके युवा बल्लेबाजों के पास बड़ी हिट लगाने की क्षमता है। खासतौर से हेटमॉयर और होप ने भारतीय गेंदबाजों को खूब परेशान किया।
एकदिवसीय क्रिकेट फॉर्मेट में भारत के सामने मध्यक्रम बल्लेबाजी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। धोनी के बल्ले से रन निकल नहीं रहे। पंत को मौका दिया गया तो वह जल्दबाजी के चलते आउट हुए जा रहे। ऐसे में भारत की जीत सिर्फ टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों पर निर्भर है। रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली में कोई एक अंत तक बल्लेबाजी करे तभी भारत को जीत मिल पा रही। हालांकि यह हर मैच में नहीं होगा। बेशक विराट लगातार तीन मैचों में तीन शतक लगाते आए हैं मगर उन्हें भी टीम को जीत दिलाने के लिए एक साथी की जरूरत पड़ेगी। पहले मैच में रोहित शर्मा ने यह जिम्मेदारी निभाई थी भारत जीत गया। वहीं तीसरे मैच में कोहली अकेले पड़ गए और जब वह शतक लगाकर आउट हुए तो दूसरा कोई बल्लेबाज टीम को जीत तक नहीं ले जा पाया।भारत-वेस्टइंडीज वनडे सीरीज में लगभग 300 की औसत से रन बना रहे विराट कोहलीजानिए धोनी को आखिरी शतक और अर्धशतक लगाए कितना समय हो गया