सचिन की 'फोटोकॉपी' माना जाने वाला 18 साल का यह खिलाड़ी वेस्टइंडीज के खिलाफ खेल रहा डेब्यू मैच
कानपुर। भारत बनाम वेस्टइंडीज के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज का आगाज गुरुवार से हो गया। पहला टेस्ट राजकोट में खेला जा रहा। भारत की तरफ से युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को डेब्यू करने का मौका मिला। अपने पहले ही मैच में शॉ ने काबिलियत का सबूत दे दिया। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय लिया। पृथ्वी शॉ बतौर ओपनर मैदान में पहला टेस्ट खेलने आए और एक बेहतरीन पारी खेली। खबर लिखे जाने तक शॉ ने 50 रन बना लिए हैं। आपको बता दें विराट कोहली ने भी वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू टेस्ट किया था मगर कोहली पहली पारी में 4 रन बनाकर ही आउट हो गए थे। मगर शॉ उनसे आगे निकल गए। दाएं हाथ के बल्लेबाज शॉ को घरेलू क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन का इनाम मिला है कि वह टीम इंडिया के लिए टेस्ट खेल रहे।
पृथ्वी शॉ दिनों-दिन अपने खेल को निखारते जा रहे हैं। सचिन जितनी हाईट (5 फुट 5 इंच) वाले पृथ्वी की बल्लेबाजी शैली भी मास्टर ब्लॉस्टर जैसी दिखती है। लोगों को उम्मीद है कि, पृथ्वी इसी तरह प्रदर्शन करते गए तो टीम इंडिया में उनकी जगह जल्द ही पक्की हो जाएगी। रणजी में उनके नाम सबसे कम उम्र में सबसे ज्यादा शतक लगाने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। प्रथम श्रेणी मैचों में भी वह सबसे ज्यादा शतक लगाने के मामले में दूसरे नंबर पर हैं। उनसे आगे सिर्फ मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर हैं। सचिन ने इस उम्र में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 7 शतक जमा लिए थे।बस एक कदम दूरपृथ्वी ने रणजी और दलीप दोनों ट्रॉफी के पर्दापण मैच में शतक लगाया है, अगर वह ईरानी ट्रॉफी में भी शतक लगा देते हैं। तो तीनों ट्रॉफियों में शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज बन जाएंगे। अभी तक यह रिकॉर्ड सिर्फ सचिन तेंदुलकर के नाम है।
साल 2013 में पृथ्वी शॉ पहली बार तब चर्चा में आए थे। जब वह किसी स्कूल प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए थे। तब पृथ्वी ने मुंबई के आजाद मैदान पर हैरिस शील्ड ट्रॉफी के मैच में 546 रनों की रिकॉर्ड पारी खेली थी। उस वक्त तक इतने रन किसी भी बल्लेबाज ने नहीं बनाए थे, सचिन तेंदुलकर ने भी नहीं। हैरिश शील्ड वही मशहूर स्कूल टूर्नामेंट है जिसके जरिए पहली बार सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली को सुर्खियां मिली थीं। सचिन और कांबली ने इसी टूर्नामेंट में अपने स्कूल की तरफ से खेलते हुए 664 रनों की विश्व रिकॉर्ड (उस दौरान) की साझेदारी थी।