रोचक आंकड़े : धोनी के इस फैसले ने रोहित को बना दिया हिटमैन, नहीं तो हो जाते गुमनाम
कानपुर। पिछले कुछ सालों से टीम इंडिया की ओपनिंग जोड़ी की मजबूत कड़ी बन चुके रोहित शर्मा के करियर का आगाज काफी धीमा था। साल 2007 में आयरलैंड के खिलाफ वनडे डेब्यू करने वाले रोहित को अपना पहला वनडे शतक लगाने के लिए 42 मैचों का इंतजार करना पड़ा। इसकी बड़ी वजह थी उनका बल्लेबाजी क्रम। करियर के शुरुआती दिनों में रोहित नंबर तीन से लेकर नंबर सात तक बैटिंग करते थे। उस दौर में ओपनिंग की जिम्मेदारी सचिन, सहवाग और गंभीर के कंधो में थी। ऐसे में रोहित को बड़ी पारी खेलने का मौका नहीं मिल पाया। वहीं लगातार फ्लाॅप हो जाने के कारण वह टीम से अंदर-बाहर भी होते रहे।
साल 2012 में जब वीरेंद्र सहवाग का करियर ढलान पर आ गया तब टीम इंडिया को एक दाएं हाथ के ओपनर की जरूरत पड़ी। उस वक्त टीम इंडिया के कप्तान एमएस धोनी थे। धोनी का लगा रोहित जिस तरह से बैटिंग करते हैं, उनकी जगह निचले क्रम में नहीं बल्कि ओपनर की है। फिर क्या साल 2012 में रोहित पहली बार बतौर ओपनर मैदान में उतरे। इसके बाद रोहित ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह शतक पे शतक और तीन दोहरे शतक भी ठोंक गए। इसी के साथ धोनी के एक फैसले ने रोहित को हिटमैन बना दिया।
बतौर ओपनर तीन दोहरे शतक बनाने वाले इकलौते खिलाड़ीबतौर ओपनर वनडे में तीन दोहरे शतक लगाने वाले रोहित शर्मा इकलौते खिलाड़ी हैं। इस दौरान उन्होंने 20 शतक ठोंके जिसमें तीन दोहरे शतक शामिल हैं।जितनी सैलरी विराट, रोहित और धवन की मिलकर है, उतनी रकम अकेले इस खिलाड़ी को मिलीT20 World cup : पहली बार वर्ल्ड कप में नही होगा भारत बनाम पाकिस्तान का मुकाबला, जानें क्या है इसकी वजह