इनके कहने पर चाइनामैन गेंदबाज बने थे कुलदीप यादव, बात न मानते तो आज कर रहे होते ये काम
चाइनामैन कुलदीप ने चटकाए 5 विकेटकानपुर। भारत और इंग्लैंड के बीच पहला टी-20 मेहमान टीम इंडिया के नाम रहा। भारत ने इस मैच में मेजबान इंग्लैंड को 8 रन से करारी शिकस्त दी। इंग्लैंड की जमीं पर भारत की यह पहली टी-20 जीत है। इस जीत के हीरो कुलदीप यादव रहे जिन्होंने 5 विकेट चटकाकर इंग्लिश बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी। कुलदीप को बेहतर प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड भी मिला। चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप कितने खतरनाक हैं इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि मैच के बाद इंग्लिश कप्तान इयोन मोर्गन ने कहा कि कुलदीप हमारे लिए बड़ा खतरा बनने वाले हैं।
कुलदीप यादव इंटरनेशनल टी-20 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले चाइनामैन गेंदबाज हैं। ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक यादव के नाम कुल 21 विकेट दर्ज हैं। इस लिस्ट में दूसरा नाम नीदरलैंड के गेंदबाज माइकल रिपन का है जिनके खाते में 15 विकेट हैं। बता दें कि यादव ने पिछले साल ही टी-20 डेब्यू किया था और एक साल में उन्होंने ये रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया।
जब बाएं हाथ का स्पिनर गेंद को अंगुलियों की बजाय कलाई से स्पिन कराता है, तो उसे 'चाइनामैन बॉलर' कहते हैं। यह टर्म साल 1933 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में खेले गए टेस्ट मैच के दौरान आया था, जब वेस्टइंडीज के बाएं हाथ के अनऑर्थोडॉक्स बॉलर एलिस अचॉन्ग ने इंग्लैंड के बैट्समैन वाल्टर रॉबिन्स को ऑफ स्टंप के बाहर से गेंद को टर्न कराकर बोल्ड कर दिया था। चौंकाने वाली गेंद पर बोल्ड होने के बाद रॉबिन्स ने पैवेलियन लौटते समय झल्लाकर अंपायर से एलिस के लिए अपशब्दों के साथ 'चाइनामैन' शब्द का प्रयोग किया था। वास्तव में एलिस चीनी मूल के खिलाड़ी थे, जो वेस्टइंडीज के लिए खेलते थे। इसी के बाद से अजीबोगरीब एक्शन वाले ऐसे गेंदबाजों को 'चाइनामैन बॉलर' कहा जाने लगा।
कुलदीप यादव भारत के इकलौते चाइनामैन गेंदबाज हैं। बाएं हाथ के अनअर्थोडॉक्स गेंदबाज कुलदीप बताते हैं कि उन्हें इस तरह की गेंदबाजी की कोई प्रैक्टिस नहीं की। वह पहले दिन से ही इसी तरह की गेंदबाजी करते आए हैं। और अब इस कला में माहिर हो चुके हैं। हालांकि जब उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरु किया तब वह तेज गेंदबाजी किया करते थे। मिड डे को दिए एक इंटरव्यू में कुलदीप ने कहा था, 'करियर के शुरुआती दिनों में में तेज गेंदबाजी का अभ्यास किया करता था। मगर मेरे कोच कपिल पांडे ने आकर कहा कि तुम एक बार स्पिन डालकर देखो। मैनें जैसे ही पहली गेंद डाली वह तेजी से घूमी। उस वक्त मुझे नहीं पता था कि चाइनामैन गेंदबाज कौन होते हैं। कपिल सर ने मुझे इस तरह की गेंद फिर फेंकने को कहा और हर बार गेंद पहले की तरह ही घूम रही थी। तब जाकर मुझे अहसास हुआ कि मेरे अंदर नैचुरली कलाई से गेंद को घुमाने की कला है।'