जब एक गेंद पर दो भारतीय बल्लेबाज हुए 'आउट', मेलबर्न में खेले गए ये 10 मैच हमेशा किए जाते हैं याद
कानपुर। मेलबर्न क्रिकेट ग्रांउड ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा खेल मैदान माना जाता है। यहां कई यादगार मैच खेले गए। इसमें कुछ विवादित भी रहे। भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया पर नजर डालें तो सुनील गावस्कर से लेकर विराट कोहली तक सभी का इस मैदान से खास जुड़ाव है।यहीं हुआ था टेस्ट क्रिकेट का जन्मक्रिकेट इतिहास का पहला टेस्ट मैच 1877 में एमसीजी मैदान पर खेला गया था। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच हुए इस टेस्ट में मेजबान कंगारुओं को 45 रन से जीत मिली थी। ऑस्ट्रेलियाई ओपनर बल्लेबाज चार्ल्स बैनरमैन के बल्ले से शानदार शतक निकला था। इसी के साथ चार्ल्स एमसीजी पर टेस्ट शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए थे। एमसीजी में अभी तक कुल 111 टेस्ट मैच खेले गए, जिसमें कि 1,11,376 रन और 3689 विकेट गिरे।
मेलबर्न क्रिकेट ग्रांउड कई यादगार मैचों का गवाह रहा है। इस स्टेडियम में करीब 90 हजार से ज्यादा दर्शक बैठकर मैच का मजा ले सकते हैं। एमसीजी में अभी तक सबसे ज्यादा दर्शक संख्या 2013 में ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड के बीच खेले गए टेस्ट में रिकाॅर्ड की गई थी। यह एशेज सीरीज का चौथा टेस्ट था जिसमें अफिशल 91,112 लोग मैच देखने आए थे।
100 साल बाद दोहराया गया इतिहासएमसीजी पर पहला टेस्ट मैच 1877 में ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड के बीच खेला गया था। मगर इसके 100 साल बाद इतिहास फिर दोहराया गया, यही दोनों टीमें फिर से 1977 में इसी मैदान पर टकराईं और आपको जानकर हैरानी होगी कि, इस बार भी इंग्लैंड को 45 रनों से हार मिली जोकि उन्हें पहले टेस्ट में मिली थी।एक गेंद पर दो भारतीय बल्लेबाज हुए 'आउट'मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच भी कई चर्चित मैच खेले गए। ऐसा ही एक टेस्ट 1981 में खेला गया जब दूसरी पारी में डेनिस लिली की गेंद पर अंपायर ने भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर को आउट दे दिया। इसके बाद नाराज गावस्कर दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज चेतन चौहान को लेकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद टीम इंडिया ने बल्लेबाजी करने से मना कर दिया। उस वक्त भारतीय टीम के मैनेजर शाहिद दुर्रानी थी, उन्होंने किसी तरह गावस्कर को मनाया तब जाकर मैच पूरा हो पाया। हालांकि इस मैच में भारत को 59 रन से जीत मिली थी।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर शेन वार्न के लिए एमसीजी मैदान काफी यादगार है। यहीं पर वार्न ने अपने टेस्ट क्रिकेट की पहली और इकलौती हैट्रिक ली थी। साल 1994 में एशेज टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ वार्न पहली पारी में एक भी विकेट नहीं ले पाए थे। इसके बाद जब दूसरी इनिंग में वह गेंदगाजी करने उतरे तो दुनिया को वो करिश्मा दिखाया जिसे देख सब हैरान रह गए। सेकेंड इनिंग में वार्न ने हैट्रिक लेकर इंग्लिश बल्लेबाजों को बैकफुट पर ला दिया जिसके चलते ऑस्ट्रेलिया यह मैच 295 रनों से जीत गया।मुरलीधरन के एक्शन पर उठे सवाल
साल 1995 में ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच ऐसा ही एक विवादित टेस्ट एमसीजी पर खेला गया था। वैसे तो इस मैच में मेजबान कंगारुओं को जीत मिली मगर यह टेस्ट जीत-हार से ज्यादा अंपायर के गलत रवैये को लेकर चर्चा में रहा। मैच के दौरान श्रीलंकाई स्पिनर मुथैया मुरलीधरन की सात गेंदों को सही होने के बावजूद नो बाॅल करार दिया गया। अंपायर डेरेल हेयर के इस फैसले पर सभी हैरान हुए। खासतौर से तब जब मुरली इस मैच से पहले 22 टेस्ट खेल चुके थे। इतने मैच खेलने के बाद हेयर को मुरली का गेंदबाजी एक्शन गलत लगा। बाद में आईसीसी ने जब इसकी जांच-पड़ताल की तो अंपायर को दोषी पाया गया।पूर्व ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज शेन वार्न ने अपने टेस्ट करियर का 700वां विकेट एमसीजी पर ही लिया था। साल 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ मैच खेलते हुए यह रिकाॅर्ड अपने नाम किया। वार्न ने 144 टेस्ट खेलकर यह मुकाम हासिल किया था।
ब्रेट ली ने डेब्यू टेस्ट में तोड़ी टीम इंडिया की दीवारऑस्ट्रेलिया के सबसे तेज गेंदबाजों में शुमार पूर्व क्रिकेटर ब्रेट ली ने एमसीजी पर ही टेस्ट डेब्यू किया था। 1999 में भारत के खिलाफ टेस्ट में ब्रेट ली को पहला टेस्ट खेलने का मौका मिला। मैच की पहली इनिंग में ब्रेट ली ने भारत के पांच बल्लेबाजों को पवेलियन भेज दिया। इसमें टीम इंडिया की दीवार राहुल द्रविड़ का विकेट भी शामिल था। युवा गेंदबाज ब्रेट ली की इस शानदार गेंदबाजी की बदौलत कंगारुओं ने यह टेस्ट 180 रन से जीत लिया।