अर्थशास्त्रियों का अनुमान, जनवरी से मार्च की तिमाही में चीन से पिछड़ सकती है भारत की अर्थव्यवस्था
नई दिल्ली (रॉयटर्स)। भारत की अर्थव्यवस्था जनवरी से मार्च तिमाही में चीन से पिछड़ती हुई नजर आई है। हालांकि, धीमी पड़ी अर्थव्यस्था से मतदाताओं को कोई फर्क नहीं पड़ा। उन्होंने इस लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शानदार जीत दिलाई। लेकिन यह मोदी के पास भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने का एक सुनहरा मौका है, जिन कारणों से पिछले देश की अर्थव्यस्था जनवरी से मार्च तिमाही में धीमी पड़ी, अब उनपर ध्यान रखा जा सकता है। रॉयटर्स से जुड़े अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि मार्च के अंत तक भारत की विकास दर 6.3 प्रतिशत तक लुढ़क गई, जो पिछले छह तिमाहियों में सबसे धीमी गति है। काशी में मना नमोत्सव, पीएम मोदी का शाही अंदाज में हुआ वेलकमडेढ़ साल में पहली बार चीन से पीछे होगी भारत की अर्थव्यस्था
अगर वे सही हैं, तो चीन इस मामले में भारत को पीछे छोड़ देगा क्योंकि उसने मार्च तिमाही में 6.4 परसेंट की वृद्धि दर्ज की है। बता दें कि डेढ़ सालों में पहली बार ऐसा होगा कि मार्च तिमाही में चीन भारत की अर्थव्यवस्था से आगे निकल जायेगा। पीएम मोदी गुरुवार की शाम को शपथ लेंगे और ऐसी उम्मीद है कि वह अपने दूसरे कार्यकाल में अर्थव्यवस्था में विकास को प्राथमिकता देंगे और भारत में जो हर महीनें युवाओं के बीच बेरोजगारी की समास्या बढ़ रही है, उसपर ध्यान देंगे। उनका पहला काम एक नए वित्त मंत्री को ढूंढना होगा, क्योंकि अरुण जेटली ने स्वास्थ्य कारणों से मंत्री पद से अलग हटने को कहा है। जो कोई भी जेटली की जगह लेगा उसे जुलाई के लिए एक अच्छे बजट को तैयार करना होगा। बता दें कि सरकार की तरफ से जनवरी-मार्च तिमाही का जीडीपी डेटा और मार्च में समाप्त होने वाले पूरे वित्त वर्ष 2018/19 का ब्योरा शुक्रवार को लगभग दोपहर 12 बजे पर जारी किया जा सकता है।