Union Budget 2020 Public reaction कोई टैक्स कैलकुलेट करने में बना घनचक्कर, तो किसी ने ली लंबी स्पीच पर चुटकी
कानपुर। Indian Budget 2020 Public reaction मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट संसद में पेश हो चुका है/ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संतुलन बनाने की कोशिश की है। आम लोगों की प्रतिक्रिया पर अगर नजर डालें तो कहीं खुशी कहीं गम वाला माहौल है। सोशल मीडिया यूजर्स अपने अंदाज में बजट पर चुटकी लेने से नहीं चूके।
मीम की मदद से दे रहे रिएक्शन
वित्त मंत्री का बजट भाषण खत्म होने के बाद ट्विटर पर मीम की बाढ़ सी आ गई लगती है। आम ट्विटर यूजर्स बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए इनका जमकर उपयोग कर रहे हैं। इनमें से कई सारी मीम इंकम टैक्स को लेकर हैं।
Indians tweeting about #Budget2020 pic.twitter.com/9dnTc2hkUt
— Sakshi (@jalebiwaali)डिजिटल कनेक्टिविटी
नाॅसकाॅम ट्रेड एसोसिएशन की अध्यक्ष देबजानी घोष ने ट्वीट किया, 'भारत में संवर्धित डिजिटल कनेक्टिविटी, उभरते हुए तकनीकी, डेटाकेन्ट्री पार्क, क्वांटम कंप्यूटिंग और सबसे महत्वपूर्ण रूप से आईपीआर निर्माण पर ध्यान दिया जा रहा। बजट काफी अच्छा लग रहा है, जो डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत आधार स्थापित कर सकता है।
इंजीनियरिंग कंपनी कोन एलीवेटर्स के एमडी अमित गोसैन का कहना है, 'रियल स्टेट सेक्टर अब एक इंडस्ट्री बन चुका है और मुझे लगता है वे उसके लिए कुछ करेंगे। रियल स्टेट फिलहाल संघर्ष के दौर से गुजर रहा। इसको जल्द से जल्द संभालना होगा। एक बार रियल स्टेट में उछाल आ जाए तो यह रोजगार को भी बढ़ावा देगा।Amit Gossain, MD, Kone Elevators on #Budget2020: Real estate sector should become an industry& I think they will do something about it. Real Estate is still struggling. There are liquidity crisis. It should be taken care of. Once real estate picks up it is good for employment too pic.twitter.com/Z9qTTDZEeS— ANI (@ANI)
If you can't convince them, confuse them with long and futile speeches #Budget2020 pic.twitter.com/JoWc7TD8Lg
— sai krishna (@kb_SaiKrishna)इनकम टैक्स में छूट की आस
इंकम टैक्स में छूट की सीमा 2014-15 से जस की तस है। वर्तमान में यह 2.5 लाख रुपए है, बढ़ती महंगाई के बीच लोगों को इस बात की आस है कि यह सीमा बढ़ेगी। हालांकि सरकारें टैक्स बेस को बड़ा बनाने के नाम पर इसे छूने से बचती आई हैं, उसकी भरपाई 5 लाख रुपए तक की आय पर रिबेट के जरिए करने की कोशिश की गई है लेकिन उससे लोगों को पूरी तरह राहत नहीं मिली। इस आय सीमा को पार करते ही टैक्स की दर 5 से बढ़कर 20 प्रतिशत पहुंच जाती है।
बच्चों की पढ़ाई पर खर्च
बच्चों की ट्यूशन फी पर होने वाला खर्च इंकम टैक्स की धारा 80सी के अंतर्गत 1.5 लाख रुपए के दायरे में ही आता है। मिडिल क्लास को वित्त मंत्री से इस बात की आस होगी कि बच्चों की पढ़ाई पर बढ़ते खर्च के बीच एजूकेशन पर होने वाले खर्च के लिए अलग से कटौती का प्रावधान किया जाए। अब यह देखने वाला होगा कि उम्मीदों और चुनौतियों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कैसे संतुलन बैठा पाती हैं।