इंटरनेशनल कोर्ट में भारत ने कहा, जाधव के खिलाफ पाकिस्तान के पास कोई सबूत नहीं, निर्दोष को जबरन फंसने की कोशिश
द हेग (पीटीआई)। इंटरनेशनल कोर्ट में कुलभूषण जाधव को लेकर सुनवाई जारी है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में भारत ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान के पास कुलभूषण जाधव के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं है, उन्हें जबरन इस केस में फंसाया गया है। इंटरनेशनल कोर्ट में जाधव का केस देखने वाले वकील हरीश साल्वे ने जज से अनुरोध किया कि बिना किसी सबूत के पाकिस्तान में जाधव को दी गई फांसी की सजा को गैरकानूनी घोषित किया जाये। बता दें कि जाधव के मामले को सुलझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने चार दिन की सार्वजनिक सुनवाई शुरू की है। भारत ने सुनवाई के पहले दिन जज के सामने दो बड़े मुद्दे रखे, जिसमें कांसुलर एक्सेस पर वियना कन्वेंशन का उल्लंघन और रेसोलुशन की प्रक्रिया शामिल था।निर्दोष भारतीय की जान खतरे में
भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण मामला है, जिसमें एक निर्दोष भारतीय की जान खतरे में है। पाकिस्तान की कहानी पूरी तरह से बेबुनियाद है, उसके पास कोई भी फैक्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि कांसुलर एक्सेस के बिना जाधव की लगातार हिरासत को गैरकानूनी घोषित किया जाना चाहिए। साल्वे ने कहा कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जाधव को बिना किसी सबूत के सजा सुना दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के किसी भी गतिविधि में जाधव की भागीदारी का कोई 'विश्वसनीय सबूत' नहीं दिया गया है और जाधव ने यह स्वीकार भी नहीं किया है, वह इस तरह की गतिविधि में शामिल था, इसमें कोई संदेह नहीं है कि पाकिस्तान प्रचार उपकरण के रूप में इसका इस्तेमाल कर रहा है। उसे बिना किसी देरी के कांसुलर एक्सेस देनी चाहिए।
साल्वे ने कहा, 'वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 36 में बताया गया है कि एक देश को अपने नागरिकों की हिरासत के बारे में सूचित किया जाना चाहिए लेकिन पाकिस्तान ने भारत को उसकी गिरफ्तारी के बारे में सूचित नहीं किया। कांसुलर एक्सेस के बिना भारत को पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव के साथ हुई घटनाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती है। भारत और पाकिस्तान के बीच कांसुलर एक्सेस पर द्विपक्षीय समझौता है। उन्होंने जज से कहा कि पाकिस्तान ने अभी तक जाधव के खिलाफ कोई भी सबूत पेश नहीं किया है, इसलिए जाधव को रिहा कर देना चाहिए।