410 साल पुरानी क़ुरान की तस्करी में 10 गिरफ़्तार
क़ुरान के इस प्रति को मुग़ल सम्राट अकबर के समय का बताया जा रहा है।मुसलमानों की इस पवित्र पुस्तक को पुलिस ने एक 10 सदस्यीय गिरोह से बरामद किया है। यह गिरोह इसे पाँच करोड़ रुपए में बेचने की कोशिश कर रहा था।सुनहरी लिखावटकुल 604 पन्नों की इस कुरान को काले तिरछे अक्षरों में सुनहरे रंग के पन्नों पर लिखा गया है। किताब के कवर पर जवाहरात जड़े हैं।
अली ने कहा, ''हिजरी कैलेंडर के मुताबिक़ यह क़ुरान 1050 के आसपास लिखी गई है।''लेखन का वर्ष किताब के आख़िरी पन्ने पर लिखा गया है। अली ने कहा, ''हस्तलिपी की ऐसी स्पष्टता मैंने तुर्की के म्यूज़ियम में देखी है।''
मैसूर ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक अभिनव खरे ने बताया, ''हमारा मानना है कि यह किताब कई हाथों से होते हुए गिरफ़्तार हुए लोगों तक पहुंची है।''
खरे ने कहा, ''हमारी सूचना के मुताबिक़ ये किताब इस गिरोह तक हैदराबाद से पहुंची है। इस मामले में अभी किसी नतीजे पर पहुँचना जल्दबाज़ी होगी।''