सऊदी अरामको भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की रत्‍नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्‍स के साथ मिलकर पश्चिमी तट पर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल परियोजना लगाएगी। महाराष्‍ट्र के रत्‍नागिरी में लगने वाली 44 अरब डॉलर की यह परियोजना दुनिया बड़ी रिफाइनरी में से एक होगी।


भारत और सउदी की 50-50 पार्टनरशिपनई दिल्ली (रॉयटर्स)। अरामको और रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स के उच्च अधिकारियों ने मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसमें दोनों पक्षों की बराबर की हिस्सेदारी होगी। रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन का संयुक्त उपक्रम है।12 लाख बैरल प्रति दिन होगी क्षमताइंटरनेशनल एनर्जी फोरम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना की कुल क्षमता 1.8 करोड़ टन प्रति वर्ष होगी। इस परियोजना में शामिल रिफाइनरी की क्षमता 12 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) होगी। साथ में पेट्रोकेमिकल उत्पादों का भी निर्माण होगा। अरामको दुनिया की सबसे बड़ा तेल उत्पादक है। अपनी क्षमता का विस्तार करने के लिए कंपनी दुनियाभर में अपना कारोबार फैलाने में लगी है। अगले वर्ष कंपनी अपना आईपीओ लाने की योजना बना रही है।तेजी से बढ़ती मांग की करेंगे पूर्ति
कुछ दिन पहले ही अरामको ने फ्रांस के साथ 20 अरब डॉलर की रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स सौदा किया था। अरामको के साथ लगने वाला भारतीय संयंत्र दुनिया के बड़े रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल परिसरों में से एक होगा। यह संयंत्र से भारत और आसपास तेजी से बढ़ते पेट्रोकेमिकल मांग को पूरा करने में सक्षम होगा। सउदी के ऊर्जा मंत्री खालिद अल फली ने कहा कि यह परियोजना न सिर्फ बड़ी होगी बल्कि भारत में हमारे निवेश की प्रतिबद्धता भी है। भारत में कच्चे तेल की आपूर्ति हमारी प्राथमिकता है। सउदी भारत के खुदरा बाजार में निवेश को लेकर बहुत ज्यादा उत्सुक है।50 फीसदी कच्चा तेल देगा अरामकोप्रस्तावित रिफाइनरी की क्षमता का कम से कम 50 फीसदी कच्चा तेल अरामको आपूर्ति करेगा। अरामको के चीफ एग्जिक्यूटिव अमीन नासिर ने कहा कि कंपनी अपनी हिस्सेदारी का 50 प्रतिशत बाद में किसी के साथ साझा करेगी। लेकिन उसके नाम का खुलासा हम बाद में करेंगे। फली ने कहा कि सउदी की पेट्रोकेमिकल कंपनी एसएबीआईसी भी भारत में निवेश करने के लिए इच्छुक है। बढ़ती मांग को देखते हुए अरामको जैसे बड़े उत्पादक दुनिया की तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता भारत में निवेश करना चाहते हैं। अरामको ने नई दिल्ली में पिछले वर्ष अपना एक कार्यालय भी खोला था।

Posted By: Satyendra Kumar Singh