सैन्य संबधों को रणनीतिक साझेदारी में बदल कर करेगें पहली बार संयुक्त वायुसेना अभ्यास.


पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमानबरसों पुराने सैन्य सहयोग को रणनीतिक साझेदारी में बदल चुके भारत और रूस अगले साल पहली बार संयुक्त वायुसेना अभ्यास भी करेंगे. दोनों देशों ने यह निर्णय सोमवार को मास्को में हुई अंतर सरकारी सैन्य व तकनीकी सहयोग आयोग की बैठक में लिया. बैठक की संयुक्त अध्यक्षता रक्षा मंत्री एके एंटनी व उनके रूसी समकक्ष सर्गेइ शोइगु ने की. दोनों पक्षों ने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान सहित सैन्य सहयोग परियोजनाओं और रक्षा नीतियों में भी सामंजस्य की पैरवी की. जापान सागर में अभ्यास रक्षा मंत्रालय के अनुसार, बैठक के दौरान फैसला किया गया कि दोनों देश अगले साल संयुक्त वायुसेना अभ्यास के साथ जापान सागर में नौसैनिक अभ्यास भी करेंगे. महत्वपूर्ण है कि दोनों देशों ने बीते दिनों ही राजस्थान में संयुक्त सैन्य अभ्यास किया जो  आतंकवाद निरोधक कार्रवाई पर केंद्रित था. संयुक्त विकास


रक्षा मंत्री ने बैठक के दौरान पांचवीं पीढ़ी के युद्धक विमान और नया परिवहन विमान विकसित करने की दोनों देशों के बीच चल रही परियोजनाओं पर भी जोर दिया. उनका कहना था कि दोनों ही परियोजनाएं भारत और रूस के बीच संयुक्त विकास का रास्ता मजबूत करती हैं. एंटनी ने कहा कि इसके लिए दोनों ही पक्षों को हर चरण में अपना श्रेष्ठतम देना चाहिए.

गोला-बारूद पर बात
उल्लेखनीय है कि भारत और रूस इससे पहले ब्रह्मोस सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल भी विकसित कर चुके हैं. इस मिसाइल के वायुसेना व नौसेना संस्करण भी विकसित किए जा रहे हैं. बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच भारतीय सेनाओं के पास मौजूद रूसी हथियारों के कलपुर्जें की आपूर्ति और गोला-बारूद खरीद ऑर्डर व आधुनिकीकरण योजनाओं पर भी बात हुई.

Posted By: Subhesh Sharma