Independence Day 2024: यहां लगा है सबसे बड़ा तिरंगा, इंडियन फ्लैग से जुड़े 10 इंटरेस्टिंग फैक्ट मिस मत कीजिए
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Independence Day 2024: भारत का स्वतंत्रता दिवस हर वर्ष 15 अगस्त को पूरे देश में काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस साल देश 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। 15 अगस्त के दिन लाल किले की प्राचीर पर नेशनल फ्लैग यानी कि तिरंगा फहराया जाता है। भारत का नेशनल फ्लैग संप्रभुता, अखंडता और समानता का प्रतीक है। यह देश के सभी नागरिकों का गौरव है। दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसे न केवल हमारे लिए स्वतंत्रता का ध्वज बल्कि सभी लोगों की स्वतंत्रता का प्रतीक कहा था।
इंडियन फ्लैग के बारे में 10 इंटरेस्टिंग फैक्टतीन कलर बराबर के
तिरंगा एक होरिजेंटल यानी कि क्षैतिज ध्वज है। इसमें सबसे ऊपर गहरा केसरिया, बीच में सफेद और नीचे गहरा हरा रंग बराबर अनुपात में होता है। इसकी चौड़ाई और लंबाई का अनुपात 2:3 है।
चक्र प्रगति का प्रतीक
केसरिया रंग साहस, त्याग और बलिदान को दर्शाता है। सफेद रंग विचारों में सच्चाई और पवित्रता को दर्शाता है और गहरा हरा रंग जीवन और समृद्धि का प्रतीक है। वहीं चक्र प्रगति और गति का प्रतीक है। इसमें 24 तीलियां हैं।
आधिकारिक तिरंगा बना
भारत के नेशनल नेशनल फ्लैग को इसके वर्तमान स्वरूप में 22 जुलाई 1947 को आयोजित संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था, जब यह भारत के डोमिनियन का आधिकारिक तिरंगा बन गया।
सबसे बड़ा तिरंगा अटारी-वाघा बार्डर पर
भारत और पाकिस्तान के बीच अटारी-वाघा सीमा पर भारतीय तिरंगा दुनिया के सबसे बड़े तिरंगों में से एक है। इसकी लंबाई 110 मीटर और चौड़ाई 24 मीटर है।
तिरंगा फहराने का मौलिक अधिकार
सर्वोच्च न्यायालय ने 2002 में संविधान के अनुच्छेद 19 (i) (a) के तहत तिरंगा फहराने के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित किया।
पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया
तिरंगा को भारतीय स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था।
सचिंद्र प्रसाद बोस ने फहराया
तिरंगा को पहली बार 1906 में कलकत्ता में सचिंद्र प्रसाद बोस ने फहराया था और बाद में वर्ष 1907 में स्टटगार्ट में मैडम भीकाजी कामा द्वारा एक और तिरंगा फहराया गया था। पहली तिरंगा समिति की अध्यक्षता डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने की थी।
नेशनल फ्लैग के निर्माण का अधिकार
भारत के नेशनल फ्लैग के निर्माण का अधिकार खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग के पास है, जो इसे क्षेत्रीय समूहों को आवंटित करता है।
इंंडियन नेशनल फ्लैग फहराया गया
29 मई, 1953 को माउंट एवरेस्ट पर यूनियन जैक और नेपाली नेशनल फ्लैग के साथ इंंडियन नेशनल फ्लैग फहराया गया था।
नेशनल फ्लैग को आधा झुका दिया जाता
जब भी कोई प्रतिष्ठित नेता या गणमान्य व्यक्ति का निधन होता है, तो सम्मान और दुख के तौर पर इंडियन नेशनल फ्लैग को आधा झुका दिया जाता है।