भारत बनाम श्रीलंका के बीच सीमित ओवरों की सीरीज 13 जुलाई से शुरु हो रही है। इस दौरे के लिए टीम इंडिया श्रीलंका पहुंच चुकी है। हालांकि कोहली एंड कंपनी के इंग्लैंड में होने के चलते बीसीसीआई ने युवा खिलाड़ियों से सजी दूसरी टीम श्रीलंका भेजी। जिसको लेकर अब पूर्व श्रीलंकाई प्लेयर इसे अपना अपमान बता रहे हैं।

कोलंबो (पीटीआई)। श्रीलंका के विश्व कप विजेता पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने इस महीने के अंत में सफेद गेंद की सीरीज में 'दूसरी पंक्ति की भारतीय टीम' की मेजबानी के लिए सहमत होने के लिए देश के क्रिकेट बोर्ड की आलोचना की। रणतुंगा का कहना है कि ये किसी अपमान से कम नहीं है। भारत और श्रीलंका के बीच 13 जुलाई से मैच शुरु होंगे। इन दोनों टीमों के बीच तीन-तीन मैचों की वनडे और टी-20 सीरीज खेली जाएगी।

भारत की कमजोर टीम को लेकर नाराज रणतुंगा
आगामी टेस्ट सीरीज के लिए कप्तान विराट कोहली और उनके सीमित ओवरों के डिप्टी रोहित शर्मा जैसे भारत के प्रमुख सितारों के बिना भारत की नई टीम यहां पहुंची है। इस टीम का नेतृत्व सलामी बल्लेबाज शिखर धवन कर रहे हैं और इसमें आधा दर्जन अनकैप्ड खिलाड़ी हैं। दो साल पहले तक श्रीलंकाई सरकार में मंत्री रहे पूर्व क्रिकेटर रणतुंगा ने संवाददाताओं से कहा, "यह भारत की 'सेकेंड क्लाॅस' टीम है और उनका यहां आना हमारे क्रिकेट का अपमान है। मैं वर्तमान प्रशासन को टेलीविजन मार्केटिंग की जरूरतों के कारण उनके साथ खेलने के लिए सहमत होने के लिए दोषी ठहराता हूं।" श्रीलंका को 1996 वनडे विश्व खिताब दिलाने वाले इस महान बल्लेबाज ने कहा, "भारत ने अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम इंग्लैंड भेजी और कमजोर टीम को यहां खेलने के लिए भेजा। मैं इसके लिए अपने बोर्ड को दोषी ठहराता हूं।"

राहुल द्रविड़ बने हैं कोच
मेहमान टीम ने अभी-अभी अपना अनिवार्य क्वारंटाइन पूरा किया है और 13 जुलाई को पहले वनडे में घरेलू टीम से खेलेगी। भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख और प्रसिद्ध पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ इस दौरे के मुख्य कोच हैं। रणतुंगा ने अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में श्रीलंकाई टीम के मौजूदा खराब प्रदर्शन के बारे में भी बताया। श्रीलंका ने पिछले महीने इंग्लैंड से 3-0 से हारने के बाद लगातार पांचवीं टी20 सीरीज गंवाई थी।
उन्हें बायो-बबल प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के लिए इंग्लैंड के मौजूदा दौरे से तीन वरिष्ठ खिलाड़ियों को वापस भेजने के लिए भी मजबूर होना पड़ा। रणतुंगा ने कहा कि अनुशासन की कमी भी प्रशासन की गलती थी और जब वह शीर्ष पर थे, तो उन्होंने किसी भी कदाचार की अनुमति नहीं होनी चाहिए।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari