नई दिल्ली में मंगलवार को हुई भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की दोतरफ़ा बातचीत में कई मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के साथ साथ आतंकवाद का मुद्दा भी उठा.


भारत के नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने दिल्ली आए नवाज शरीफ ने हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय बैठक में हिस्सा लिया.भारतीय विदेश सचिव सुजाता ने एक प्रेस कांफ्रेस में बताया कि बातचीत के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री ने 'सीमा पार आतंकवाद' के मुद्दे को उठाया और पाकिस्तान को चरमपंथी गतिविधियों के लिए अपनी जमीन इस्तेमाल न होने देने का उसका वादा याद दिलाया.उन्होंने कहा कि मोदी ने मुंबई में 2008 के चरमपंथी हमले का मुक़दमा पाकिस्तान में धीमी गति से चलने का मुद्दा भी उठाया. भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार शरीफ़ के सामने मोदी ने 'आतंकवाद को लेकर भारत की चिंताओं' को रखा.50 मिनट की बातचीतभारतीय विदेश सचिव ने बताया कि दोनों देशों ने एक दूसरे को व्यापार के लिए सर्वाधिक वरीयता वाले देश का दर्जा देने पर भी बात की.


भारत पाकिस्तान को ये दर्जा पहले ही दे चुका है जबकि पाकिस्तान ने अपने व्यापारिक हितों का हवाला देते हुए अभी तक ऐसा नहीं किया है.दोनों देशों की इस बैठक को शांति के नए दौर के तौर पर देखा जा रहा है. मोदी और नवाज शरीफ़ की बैठक 30 मिनट तक ही चलनी थी लेकिन दोनों नेताओं के बीच करीब 50 मिनट बात हुई.

बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री के साथ नई विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी मौजूद थीं.विदेश मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेंस कर प्रधानमंत्री मोदी और अन्य उन सभी सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ हुई बातचीत का संक्षिप्त विवरण दिया, जो मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने भारत आए.मोदी के साथ बैठक से पहले नवाज़ शरीफ़ ने दिल्ली की जामा मस्जि़द दौरा किया और वो लाल किला भी गए जबकि मुलाकात के बाद वो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मिलने उनके आवास पर भी गए.वर्ष 1999 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री वाजपेयी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के निमंत्रण पर बस से लाहौर गए थे और रिश्तों को बेहतर करने के लिए पहल की गई थी. लेकिन उसके बाद कारगिल संघर्ष और नवाज शरीफ़ का तख़्तापलट हो जाने के बाद वो प्रक्रिया पटरी से उतर गई.दोस्ती का दौरभारत के नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने दिल्ली आए नवाज शरीफ ने हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय बैठक में हिस्सा लिया.

भारतीय विदेश सचिव सुजाता ने एक प्रेस कांफ्रेस में बताया कि बातचीत के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री ने 'सीमा पार आतंकवाद' के मुद्दे को उठाया और पाकिस्तान को चरमपंथी गतिविधियों के लिए अपनी जमीन इस्तेमाल न होने देने का उसका वादा याद दिलाया.उन्होंने कहा कि मोदी ने मुंबई में 2008 के चरमपंथी हमले का मुक़दमा पाकिस्तान में धीमी गति से चलने का मुद्दा भी उठाया. भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार शरीफ़ के सामने मोदी ने 'आतंकवाद को लेकर भारत की चिंताओं' को रखा.50 मिनट की बातचीतभारतीय विदेश सचिव ने बताया कि दोनों देशों ने एक दूसरे को व्यापार के लिए सर्वाधिक वरीयता वाले देश का दर्जा देने पर भी बात की.भारत पाकिस्तान को ये दर्जा पहले ही दे चुका है जबकि पाकिस्तान ने अपने व्यापारिक हितों का हवाला देते हुए अभी तक ऐसा नहीं किया है.दोनों देशों की इस बैठक को शांति के नए दौर के तौर पर देखा जा रहा है. मोदी और नवाज शरीफ़ की बैठक 30 मिनट तक ही चलनी थी लेकिन दोनों नेताओं के बीच करीब 50 मिनट बात हुई.बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री के साथ नई विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी मौजूद थीं.विदेश मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेंस कर प्रधानमंत्री मोदी और अन्य उन सभी सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ हुई बातचीत का संक्षिप्त विवरण दिया, जो मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने भारत आए.
मोदी के साथ बैठक से पहले नवाज़ शरीफ़ ने दिल्ली की जामा मस्जि़द दौरा किया और वो लाल किला भी गए जबकि मुलाकात के बाद वो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मिलने उनके आवास पर भी गए.वर्ष 1999 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री वाजपेयी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के निमंत्रण पर बस से लाहौर गए थे और रिश्तों को बेहतर करने के लिए पहल की गई थी. लेकिन उसके बाद कारगिल संघर्ष और नवाज शरीफ़ का तख़्तापलट हो जाने के बाद वो प्रक्रिया पटरी से उतर गई.दोस्ती का दौरhttps://img.inextlive.com/inext/inext/sharif_i1_270514.jpgनरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ही भारतीय प्रधानमंत्री का पदभार संभाला है. प्रधानमंत्री के तौर पर उनका पहला दिन सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बातचीत में बीता है.उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से द्विपक्षीय बातचीत के पहले अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई, मॉरिशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम और नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से मुलाक़ात की.अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति करजई ने सोमवार को एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्य में कहा कि बीते शुक्रवार को हेरात में भारतीय वाणिज्यिक दूतावास पर हुए हमले के पीछे चरमपंथी गुट लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है.करज़ई ने कहा कि यह जानकारी उन्हें एक पश्चिमी ख़ुफिया एजेंसी से मिली.
मुंबई हुए 2008 के हमलों के पीछे भी भारत पाकिस्तान स्थित इसी चरमपंथी संगठन को बताता है.भारत के नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने दिल्ली आए नवाज शरीफ ने हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय बैठक में हिस्सा लिया.भारतीय विदेश सचिव सुजाता ने एक प्रेस कांफ्रेस में बताया कि बातचीत के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री ने 'सीमा पार आतंकवाद' के मुद्दे को उठाया और पाकिस्तान को चरमपंथी गतिविधियों के लिए अपनी जमीन इस्तेमाल न होने देने का उसका वादा याद दिलाया.उन्होंने कहा कि मोदी ने मुंबई में 2008 के चरमपंथी हमले का मुक़दमा पाकिस्तान में धीमी गति से चलने का मुद्दा भी उठाया. भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार शरीफ़ के सामने मोदी ने 'आतंकवाद को लेकर भारत की चिंताओं' को रखा.50 मिनट की बातचीतभारतीय विदेश सचिव ने बताया कि दोनों देशों ने एक दूसरे को व्यापार के लिए सर्वाधिक वरीयता वाले देश का दर्जा देने पर भी बात की.भारत पाकिस्तान को ये दर्जा पहले ही दे चुका है जबकि पाकिस्तान ने अपने व्यापारिक हितों का हवाला देते हुए अभी तक ऐसा नहीं किया है.दोनों देशों की इस बैठक को शांति के नए दौर के तौर पर देखा जा रहा है. मोदी और नवाज शरीफ़ की बैठक 30 मिनट तक ही चलनी थी लेकिन दोनों नेताओं के बीच करीब 50 मिनट बात हुई.बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री के साथ नई विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी मौजूद थीं.विदेश मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेंस कर प्रधानमंत्री मोदी और अन्य उन सभी सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ हुई बातचीत का संक्षिप्त विवरण दिया, जो मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने भारत आए.मोदी के साथ बैठक से पहले नवाज़ शरीफ़ ने दिल्ली की जामा मस्जि़द दौरा किया और वो लाल किला भी गए जबकि मुलाकात के बाद वो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मिलने उनके आवास पर भी गए.वर्ष 1999 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री वाजपेयी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के निमंत्रण पर बस से लाहौर गए थे और रिश्तों को बेहतर करने के लिए पहल की गई थी. लेकिन उसके बाद कारगिल संघर्ष और नवाज शरीफ़ का तख़्तापलट हो जाने के बाद वो प्रक्रिया पटरी से उतर गई.दोस्ती का दौरनरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ही भारतीय प्रधानमंत्री का पदभार संभाला है. प्रधानमंत्री के तौर पर उनका पहला दिन सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बातचीत में बीता है.उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से द्विपक्षीय बातचीत के पहले अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई, मॉरिशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम और नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से मुलाक़ात की.अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति करजई ने सोमवार को एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्य में कहा कि बीते शुक्रवार को हेरात में भारतीय वाणिज्यिक दूतावास पर हुए हमले के पीछे चरमपंथी गुट लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है.करज़ई ने कहा कि यह जानकारी उन्हें एक पश्चिमी ख़ुफिया एजेंसी से मिली.मुंबई हुए 2008 के हमलों के पीछे भी भारत पाकिस्तान स्थित इसी चरमपंथी संगठन को बताता है.नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ही भारतीय प्रधानमंत्री का पदभार संभाला है. प्रधानमंत्री के तौर पर उनका पहला दिन सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बातचीत में बीता है.उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से द्विपक्षीय बातचीत के पहले अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई, मॉरिशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम और नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से मुलाक़ात की.अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति करजई ने सोमवार को एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्य में कहा कि बीते शुक्रवार को हेरात में भारतीय वाणिज्यिक दूतावास पर हुए हमले के पीछे चरमपंथी गुट लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है.करज़ई ने कहा कि यह जानकारी उन्हें एक पश्चिमी ख़ुफिया एजेंसी से मिली.मुंबई हुए 2008 के हमलों के पीछे भी भारत पाकिस्तान स्थित इसी चरमपंथी संगठन को बताता है.

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari