एक रिवाज ऐसा भी, पत्नी को कपड़े पहनने की इजाजत नहीं
नहीं पहनती है कपड़े
हिमाचल प्रदेश के पीणी गांव में सदियों से एक परंपरा चली आ रही है। इस परंपरा के मुताबिक पत्नियों को पांच दिन तक कपड़े पहनने की इजाजत नहीं होती है। ये पांच दिन महिलाएं कपड़ो के बजाए ऊन से बने पट्टू को ही ओढ़ती हैं। यही नहीं इन पांच दिनों में पति-पत्नी एक दूसरे से बात तक नहीं करते हैं। गांव के तमाम पुरुष सावन के इन पांच दिनों में शराब को हाथ तक नहीं लगाते है। गांव में यह रिवाज काफी समय से चला आ रहा है और आज भी लोग इसको पूरी ईमानदारी के साथ निभा रहे हैं।
यह है वजह
इस रिवाज के पीछे की कहानी काफी रोचक है। दरअसल बताया जाता है कि लाहुआ घोंड देवता जब पीणी पहुंचे थे तो उस समय राक्षसों का इस गांव में खूब आतंक रहा करता था। भादो संक्रांति को यहां काला महीना कहा जाता है और इस दिन देवता ने पीणी में पांव रखते ही राक्षसों का नाश किया था। उसके बाद से ही इस रिवाज की शुरुआत हुई जो अब तक निभाई जा रही है।